Turkey: अफ्रीका में तुर्की को बड़ी सफलता हाथ लगी है. तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की मध्यस्थता के बाद दो दुश्मन देशों सोमालिया और इथियोपिया के बीच दोस्ती हो गई है. भारी तनाव के दौर से गुजर रहे दोनों देशों ने अपनी दुश्मनी भूलकर मेलमिलाप के लिए सहमत हो गए हैं. सीरिया के बाद तुर्की का यह दूसरी बड़ी सफलता है.
सोमालीलैंड ने खुद को सोमालिया से अलग कर लिया है जिससे दोनों के बीच तनाव चल रहा है. जमीन से चौतरफा घिरे इथियोपिया ने सोमालीलैंड में एक नेवल पोर्ट बनाने के लिए सौदा किया था, जिससे सोमालिया भड़क उठा था. अब तुर्की राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने घोषणा की है कि दोनों ही देश एक संयुक्त घोषणापत्र पर सहमत हो गए हैं, ताकि सोमालीलैंड से जुड़े विवाद को खत्म किया जा सके.
दोनों देशों के बीच शांति और सहयोग की नई शुरुआत
एर्दोगन ने अंकारा में जुटे सोमालिया के राष्ट्रपति हसन शेख महमूद और इथियोपिया के पीएम अबिय अहमद को इस ‘ऐतिहासिक मेलमिलाप’ के लिए धन्यवाद दिया. तैयप एर्दोगन ने इस समझौते की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह सोमालिया और इथियोपिया के बीच शांति और सहयोग की नई शुरुआत करेगा. इसके साथ ही इससे जमीन से घिरे इथियोपिया को समुद्र तक पहुंच भी आसानी से मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि सोमालिया के राष्ट्रपति इथियोपिया की सहायता करेंगे.
अफ्रीका में एर्दोगन के लिए बड़ी सफलता
विश्लेषकों के मुताबिक, एर्दोगन पिछले एक साल से समुद्री पोर्ट के लिए मध्यस्थता का कोशिश कर रहे थे लेकिन कोई सौदा नहीं हो पा रहा था. सोमालिया चाहता था कि इथियोपिया सोमालीलैंड के साथ हुई अपनी सौदे को रद कर दे. इस समझौते के तहत इथियोपिया को अगले 50 साल के लिए सोमालीलैंड के तट पर बंदरगाह की सुविधा उपलब्ध होगी. सोमालिया इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है और उसने युद्ध की धमकी दे दी थी. तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने दोनों ही नेताओं को बोल दिया था कि बिना समझौता किए आप दोनों इस कमरे से नहीं निकलेंगे.
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