G-7 Member: दुनिया के अग्रणी औद्योगिक देशों के विदेश मंत्रियों की सोमवार को इटली में दो दिवसीय बैठक की शुरुआत हो गई है. बैठक में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका के मंत्री शामिल रहे. रोम के बाहर हो रही इस जी-7 की बैठक के एजेंडे में गाजा और लेबनान में युद्ध विराम कराने की उम्मीदें सबसे प्रमुख हैं.
दो दिवसीय बैठक के पहले दिन सोमवार को जी-7 में सऊदी अरब, मिस्र, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात और कतर के मंत्री तथा अरब लीग के महासचिव शामिल हुए.
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
इस दौरान इटली के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भागीदारों के साथ गाजा और लेबनान में युद्ध विराम तक पहुंचने के प्रयासों का समर्थन करने के तरीकों, आबादी का समर्थन करने की पहल और क्षेत्र में स्थिरता के लिए एक विश्वसनीय राजनीतिक क्षितिज को बढ़ावा देने पर चर्चा की जाएगी.
इजरायल का प्रबल समर्थन कर रहा इटली
वहीं, बैठक के मेजबान देश इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) द्वारा इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, उनके पूर्व रक्षा मंत्री और हमास के सैन्य प्रमुख के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के बाद पिछले सप्ताह जी7 एजेंडे में एक और विषय जोड़ा. दरअसल इटली की दक्षिणपंथी सरकार 7 अक्टूबर को हमास के हमलों के बाद से इजरायल का प्रबल समर्थन कर रही है, वहीं, गाजा में फलस्तीनियों को मानवीय सहायता भी प्रदान कर रही है.
सरकार ने अपनाया सतर्कतापूर्ण रुख
हालांकि इस मामलें में इतालवी सरकार ने सतर्कतापूर्ण रुख अपनाया है, उन्होंने आईसीसी के प्रति अपने समर्थन और सम्मान की पुष्टि की है. इस दौरान उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए वारंट को राजनीति से प्रेरित बताया. इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बयान को दोहराते हुए कहा कि इजरायल राष्ट्र की जिम्मेदारियों और आतंकवादी संगठन हमास के बीच कोई समानता नहीं हो सकती है.