G7 Summit in Italy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) तीसरे कार्यकाल का पदभार संभालने के बाद पहली विदेश यात्रा के लिए निकल चुके हैं. पीएम मोदी एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ 14 जून को इटली में होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. जी-7 समूह का वार्षिक शिखर सम्मेलन इटली के अपुलिया क्षेत्र के बोर्गो एग्नाजिया के आलीशान रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक आयोजित हो रहा है. इस शिखर सम्मेलन में विशेष फोकस वैश्विक भू-राजनीतिक उथल-पुथल से निपटने पर होगा. सम्मेलन में यूक्रेन में चल रहे युद्ध और गाजा में हो रहे संघर्ष पर भी चर्चा होगी.
भारत के एजेंडे में रक्षा और समुद्री सहयोग के मुद्दे हैं
बता दें कि जी7 सम्मेलन 13 से 15 जून तक इटली में आयोजित हो रहा है. इसको लेकर इटली में भारत की राजदूत वाणी राव ने कहा, भारत को आउटरीच देश के रूप में जी7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है. भारत के एजेंडे में रक्षा और समुद्री सहयोग के मुद्दे हैं. वाणी राव ने कहा, “रक्षा और सुरक्षा वो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जिन्हें हम यहां पर बनाना चाहते हैं. हम महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी में सहयोग, दोनों देशों के रक्षा उद्योगों को जोड़ने और समुद्री सहयोग पर भी विचार कर रहे हैं.” आइए जानते हैं जी7 से जुड़ी जरूरी बातें…
क्या है जी7 सम्मेलन का एजेंडा?
जी7 शिखर सम्मेलन के एजेंडा की बात करें तो, इस बार विशेष फोकस वैश्विक भू-राजनीतिक उथल-पुथल से निपटने पर होगा. इसमें शामिल होने वाले देश इजरायल-हमास संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध, गाजा में हो रहे संघर्ष और एआई जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी.
जी7 में शामिल होंगे ये देश
इटली इस साल जी7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. जी7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा जैसे 7 विकसित देश शामिल हैं. इस देशों की अर्थव्यवस्था 45 ट्रिलियन डॉलर (3761 लाख करोड़ रुपये) की है.
जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे ये देश
जी7 शिखर सम्मेलन में भारत के साथ-साथ खाड़ी और अफ्रीकी देश भी हिस्सा लेंगे. इस साल जी7 समिट में सऊदी अरब, अल्जीरिया, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, केन्या, तुर्किए, ट्यूनीशिया और संयुक्त अरब अमीरात हिस्सा ले रहे हैं.
जी7 समिट से जुड़ी खास बातें
- इसमें 7 विकसित देश शामिल हैं.
- इसका पूरा नाम ग्रुप ऑफ सेवन है.
- दुनिया की 43% जीडीपी इन सातों देशों की है.
- जी7 को 1975 में 6 देशों ने मिलकर बनाया.
- 1976 में कनाडा भी इस संगठन में शामिल हुआ.
- जी7 मानवाधिकार और लोकतंत्र पर जोर देने वाला संगठन है.
- इसका मकसद आर्थिक विकास में मजबूती देना है.
- जी7 की हर साल वैश्विक मुद्दों पर बैठक होती है.
- बारी-बारी से सदस्य देश जी7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करते हैं.
- हर साल 2 दिनों तक शिखर सम्मेलन का आयोजन होता है.
जी7 समिट के लिए भारत बेहद अहम देश है
जी7 समिट के लिए भारत बेहद खास है. इसके पीछे की मुख्य वजह ये है कि दुनियाभर में भारत की ताकत बढ़ रही है. भारत दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश है. भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्ता है. भारत को राजनीति में वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है. इसके अलावा प्रधानमंत्री मौदी की दमदार नीतियों के कारण भी भारत जी7 समिट के लिए बेहद खास माना जा रहा है.
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जानिए इटली में क्या है PM Modi का एजेंडा
जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री मौदी इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं. इसके अलावा पीएम जी-7 समिट में शामिल देशों के शीर्ष नेताओं के साथ भी बातचीत करेंगे. जी7 के आउटरीच सेशन के दौरान पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका, अल्जीरिया जैसे देशों के साथ चर्चा करेंगे. इस दौरान रक्षा और समुद्री सहयोग के मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.