Gaza War: इजरायल हमास के बीच चल रहे जगं के कारण गाजा पूरी तरह से तबाह हो गया है. ऐसे में वहां रह रहे फिलिस्तीनियों को इंडोनेशिया ने अस्थायी रूप से शरण देने का ऐलान किया है. दरअसल, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो ने अनुमान लगाया है कि पहली खेप में 1,000 लोग हो सकते हैं. ऐसे में उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री को फिलिस्तीनी पक्ष और अन्य पक्षों के साथ इस बारे में जल्दी से चर्चा करने का निर्देश दिया है कि प्रभावित फिलिस्तीनियों को बाहर निकाला जाए.
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो ने कहा कि हम घायलों, आघातग्रस्त, अनाथों को निकालने के लिए तैयार हैं. साथ ही पीड़ित फिलिस्तीनी इंडोनेशिया में अस्थायी रूप से तब तक रह सकते है, जबतक वो पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते और गाजा में स्थिति उनके लौटने के लिए सुरक्षित नहीं हो जाती.
कई देशों की विदेश यात्रा पर जाने वाले है प्रबोवो
प्रबोवो की यह टिप्पणी उस वक्त सामने आई है, जब वो तुर्की, मिस्र और कतर समेत कई देशों की विदेश यात्रा पर जाने वाले थे. जकार्ता दो-राज्य समाधान की वकालत कर रहा है और उसने मानवीय सहायता भेजी है. दरअसल हाल ही में इंडोनेशिया के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह फिलिस्तीनियों को जबरन विस्थापित करने के किसी भी प्रयास को दृढ़ता से खारिज करता है. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी गाजा से फिलिस्तीनियों को स्थायी रूप से बाहर निकालने का सुझाव दिया था.
संघर्ष का समाधान में भूमिका बढ़ाना चाहता है इंडोनेशिया
हमास के लड़ाकों द्वारा अक्टूबर 2023 में दक्षिणी इज़रायल में हमले के बाद से ये युद्ध शुरू हुआ. जिसके बाद से अब तक इजरायल के सैन्य अभियान में 50,000 से ज़्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. ऐसे में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो ने कहा कि इंडोनेशिया संघर्ष का समाधान खोजने में अपनी भूमिका बढ़ाना चाहता है, लेकिन यह आसान नहीं है. फिलिस्तीनियों की सुरक्षा और उनकी स्वतंत्रता के समर्थन में इंडोनेशिया की प्रतिबद्धता ने हमारी सरकार को और अधिक सक्रियता से कार्य करने के लिए प्रेरित किया है.
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