महज छह महीने में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा जर्मन हथियारों की बिक्री, रूस-यूक्रेन युद्ध बना निर्यात वृद्धि की वजह

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

German arms exports: रूस-यूक्रेन युद्ध और सऊदी अरब को फिर से बिक्री शुरू होने के कारण जर्मन हथियारों के निर्यात में बंपर वृद्धि रिकार्ड की गई है. इस साल के महज छह महीनों में ही जर्मन हथियारों का निर्यात 30 फीसदी बढ़कर 7.48 अरब यूरो जा पहुंचा है. जर्मनी के आर्थिक मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई.

हथियारों का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक

आर्थिक मंत्रालय द्वारा जारी इन आकड़ों के मुताबिक, साल 2023 में पूरे साल जर्मनी ने जितने हथियारों का निर्यात किया था, उसके 60 प्रतिशत हथियारों का निर्यात इस साल 2024 में 18 जून तक ही कर चुका है. यदि आगे भी ऐसा ही रहा तो साल के आखिर में जर्मनी हथियारों की बिक्री का रिकॉर्ड बनाएगा.

जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने दिसंबर 2021 में जब सत्ता संभाली थी तो उन्होंने हथियारों की बिक्री को कम करने का वादा किया था, खासतौर पर ऐसे देशों को जो यूरोपीय संघ और नाटो के सदस्य नहीं हैं. फिर भी, हथियारों की बिक्री लगातार बढ़ रही है. जिसकी वजह यूक्रेन युद्ध को माना जा रहा है.

ज्यादातर जर्मन हथियार यूक्रेन गए

आंकड़ों के अनुसार साल के पहले छह महीने में जितने भी हथियार बेचे गए, उनमें से दो तिहाई यूक्रेन में गए. फरवरी 2022 में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से अब तक यूक्रेन को कुल 4.88 अरब यूरो के हथियार निर्यात किए गए हैं. जबकि इस युद्ध के पहले जर्मनी ने साल में यूक्रेन को 2.24 अरब यूरो के हथियारों की बिक्री को मंजूर किया था. जिसमें एयर डिफेंस सिस्टम और भारी तोपें भी शामिल थीं.

इन पांच देशों में सबसे अधिक हथियारों का निर्यात

बता दें कि अमेरिका के बाद यूक्रेन को हथियारों का निर्यात करने वाला जर्मनी दूसरा सबसे बड़ा देश है. जर्मन ने यूक्रेन के बाद जिन अन्य पांच देशों में सबसे ज्यादा हथियार निर्यात किए हैं, उनमें सिंगापुर (1.21 अरब यूरो), भारत (15.3 करोड़ यूरो), सऊदी अरब (13.24 करोड़ यूरो) और कतर (10 करोड़ यूरो) शामिल हैं.

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