Germany Blue Mosque: जर्मनी ने दशकों पुरानी शिया मस्जिद को किया बैन, सरकार ने लगाया ये आरोप?

Shubham Tiwari
Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shubham Tiwari
Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Germany Blue Mosque: जर्मनी पुलिस ने बुधवार सुबह हैम्बर्ग की ब्लू मस्जिद के साथ-साथ जर्मनी भर में 53 अन्य संपत्तियों पर छापा मारा. इस छापेमार कारर्वाई के दौरान जर्मनी ने 6 दशक पुरानी शिया मस्जिद को भी बंद कर दिया है, इस मस्जिद को इमाम अली मस्जिद और ब्लू मस्जिद के नाम से जाना जाता है.

दरअसल, जर्मनी के प्रशासन ने इस ब्लू मस्जिद को चलाने वाले राष्ट्रव्यापी शिया मुस्लिम संगठन पर भी प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. यह जर्मनी में राजनीतिक इस्लामवाद पर वर्षों में की गई सबसे अहम कार्रवाई में से एक है.

कट्टरवाद को देता था बढ़ावा

जर्मन अधिकारियों के मुताबिक इस्लामिक सेंटर हैम्बर्ग ईरान के प्रॉक्सी ग्रुप हिजबुल्लाह से जुड़ा हुआ है. IZH पर आरोप है कि वे जर्मन में कट्टरवाद को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है. संगठन पर जर्मन के मुसलमानों में यहूदी विरोध की भावना को बढ़ाने का भी आरोप लगा है. इससे पहले जर्मनी ने 2020 में हिजबुल्लाह को आतंकी संगठन घोषित किया था और उससे जुड़े लोगों पर देश में पाबंदी लगा थी.

क्या है IZH ?

बताते चले कि आईसीएच जर्मनी में सबसे प्रमुख शिया संगठनों में से एक है और जर्मनी में मुसलमानों की केंद्रीय परिषद का संस्थापक सदस्य है. हाल के वर्षों में यह ग्रुप जांच के दायरे में आ गया है. इस पर बैन लगाने की मांग में इजाफा हुआ है.

जर्मनी ने लगाया ये आरोप

जर्मनी आंतरिक मंत्रालय ने आरोप लगाया है, “IZH एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है, जिसके मकसद खतरनाक और असंवैधानिक हैं. मंत्रालय के मुताबिक IZH ईरान के प्रतिनिधि के तौर पर जर्मन में काम करता है और ईरान की इस्लामिक क्रांति की विचारधारा को एक आक्रामक और हिंसक तरीके से फैला रहा है और वह जर्मनी में भी ऐसी ही एक क्रांति लाना चाहता है.”

ईरान सरकार ने किया विरोध?

ईरान के विदेश मंत्रालय ने जर्मनी की इस कार्रवाई की निंदा की और कहा कि यह मौलिक मानवाधिकारों का उल्लंघन है. ईरान विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा गया है कि दुर्भाग्य से, आज जर्मनी में जो हुआ वह इस्लामोफोबिया और अब्राहमिक शिक्षाओं के साथ टकराव का एक साफ उदाहरण है. ईरान सरकार ने इस्लामिक सेंटर बंद करने पर तेहरान में जर्मन के दूत को तलब कर इसका विरोध दर्ज कराया. ईरान के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उसने हिजबुल्लाह को कथित समर्थन और ईरान से संबंधों के कारण हैम्बर्ग में एक इस्लामिक केंद्र को बंद करने के बाद जर्मन राजदूत को तलब किया है.

Latest News

क्या रात में सही से नहीं आती है नींद? करें इन एसेंशियल ऑयल का इस्ते‍माल, मिलेगी चैन की नींद

Essential Oils for Sound Sleep: सेहत के लिए पर्याप्‍त नींद लेना बहुत जरूरी है. आमतौर पर व्‍यक्ति को 7...

More Articles Like This