Germany: जर्मनी के राष्ट्रपति ने देश की संसद को भंग करने का ऐलान कर दिया है. राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर ने यह घोषणा समयपूर्व चुनाव कराने के मद्देनजर किया है. ऐसे में अब 23 फरवरी 2025 को समय से पहले चुनाव कराने की तैयारी शुरू हो गई है. आज, शुक्रवार को उन्होंने जर्मनी की संसद को भंग करने का आदेश दिया. इसके बाद आगे की विधिक कार्यवाही शुरू हो गई है.
स्कोल्ज सरकार गिरने के बाद फैसला
बता दें कि जर्मनी राष्ट्रपति ने चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के सत्तारूढ़ गठबंधन के विश्वासमत हारने के मद्देनजर आज, 27 दिसंबर को संसद भंग करने और 23 फरवरी को नए चुनाव कराने का आदेश दिया. स्कोल्ज 16 दिसंबर को विश्वास मत हार गए थे और अब अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं.
स्कोल्ज की तीन पार्टियों वाली गठबंधन सरकार 6 नवंबर को संकट में घिर गई. यह तब हुआ जब स्कोल्ज ने जर्मनी की स्थिर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के तरीके पर विवाद के वजह से अपने वित्त मंत्री को बर्खास्त कर दिया था.
संसद भंग होने के 60 दिनों के भीतर चुनाव
इस घटना के बाद कई प्रमुख दलों के नेता इस बात पर राजी हुए कि संसदीय चुनाव मूल योजना से 7 महीने पहले, 23 फरवरी को कराए जाने चाहिए. चूंकि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का संविधान ‘बुंडेस्टैग’ (संसद) को खुद को भंग करने की परमिशन नहीं देता है, इसलिए यह स्टीनमीयर पर निर्भर था कि वह संसद को भंग करके चुनाव करवाते हैं या नहीं. फैसला लेने के लिए राष्ट्रपति के पास 21 दिन थे. संसद भंग होने के बाद, देश में चुनाव 60 दिनों के अंदर होने चाहिए.
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