Global South: शनिवार को भारत की ओर से डिजिटल रूप से तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें दुनियाभर के 123 देश शामिल हुए, लेकिन चीन को इसमें न्योता नहीं दिया गया. दरअसल, चीन और पाकिस्तान के साथ भारत का संबंध सबसे निचले स्तर पर है. यही वजह है कि ये दोनों देश इससे पहले भी यानी दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन का हिस्सा नही थें.
भारत द्वारा आयोजित किए गए इस सम्मेलन राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के स्तर पर 21 देशों का प्रतिनिधित्व था, जबकि 34 विदेश मंत्री इसमें शामिल हुए. इसके अलावा, 118 मंत्रियों ने भी इस शिखर सम्मेलन में भाग लिया. साथ ही 10 मंत्रिस्तरीय सत्र शामिल थे.
गाजा और यूक्रेन संघर्ष पर भी हुई चर्चा
इस शिखर सम्मेलन के समापन के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य ग्लोबल साउथ या विकासशील देशों के सामने आने वाली चुनौतियों से एकजुट होकर निपटने पर था. उन्होंने कहा कि दिनभर चले इस सम्मेलन के दौरान कई देशों ने गाजा और यूक्रेन संघर्ष का मुद्दा उठाया. साथ ही उन्होंने नागरिकों के हताहत होने पर चिंता व्यक्त की और संघर्ष विराम लागू करने तथा वार्ता फिर से शुरू करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
बांग्लादेश के हालातों पर भी चर्चा
इस सम्मेलन में बांग्लादेश अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान यूनुस ने बांग्लादेश में हसीना सरकार के पतन के मद्देनजर अपने देश की स्थिति और भू-राजनीति, कोविड-19 के प्रभाव और जलवायु परिवर्तन सहित दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की.
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