क्या है शहबाज सरकार का ग्रेटर पंजाब मॉडल? जिसके कारण भड़की पाकिस्तानी आवाम, कहा-हम बन जाएंगे भारत के गुलाम…

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Greater Punjab Model: पाकिस्तान अब भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को सुधारने के लिए ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल पर काम कर रहा है, जिसका मकसद दोनों देशों के बीच सॉफ्ट बॉर्डर बनाना और एक कारोबारी कॉरिडोर स्थापित करना है. इस मॉडल का खुलासा करते हुए पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी आदिल रजा ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह एक चुनौतीपूर्ण कदम साबित हो सकता है.

पाकिस्‍तानी सेना के पूर्व अधिकारी आदिल रजा के मुताबिक, ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल में सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और ग्रैंड ट्रंक रोड के माध्‍यम से नरम सीमाओं और बढ़े हुए व्यापार का प्रस्ताव है. वहीं, इस मॉडल के जरिए पाकिस्तान भारत के साथ कारोबार को मजबूत करना चाहता है,  हालांकि इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के मुकाबले पाकिस्तान की कमजोर आर्थिक स्थिति का सामना करना होगा.

पाकिस्तान को हो सकता है नुकसान

ऐसे में आदिल राजा का मानना है कि यदि पाकिस्तान ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल के जरिए व्यापार को बढ़ावा देता है, तो भारतीय कारोबारियों की मजबूत टेक्नोलॉजी और वैश्विक व्यापार नेटवर्क के आगे पाकिस्तानी व्यापार टिक नहीं पाएगा. क्‍योंकि भारतीय बाजार का आकार बहुत बड़ा है और पाकिस्तानी उद्योगों और कृषि पर इसका उलटा असर पड़ सकता है.

पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियां

रजा के अनुसार, पाकिस्‍तान की वर्तमान में आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. देश की अर्थव्यवस्था IMF के लोन पर आधारित है और भ्रष्टाचार से ग्रस्त है. ऐसे में यदि ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल लागू होता है, तो शुरुआत में पाकिस्तान को इससे लाभ हो सकता है, लेकिन आगे चलकर यह आर्थिक रूप से भारत पर निर्भर होना पड़ सकता है, जिससे पाकिस्तान एक सैटेलाइट स्टेट के रूप में रह सकता है.

बलूचिस्तान की स्थिति

वहीं, इस मॉडल में बलूचिस्तान और दक्षिणी खैबर पख्तूनख्वा शामिल नहीं होंगे, जिससे इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां लगभग समाप्त हो सकती हैं. हालांकि भारत, बलूचिस्तान को अपनी प्राथमिकताओं से नहीं हटाएगा क्योंकि उसका उद्देश्य चीन को वहां रोकना है, जिसके कारण पाकिस्‍तान की आर्थिक विभाजन और राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति बढ़ सकती है.

पाकिस्तान का ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल 

जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान का ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल भारत के साथ कारोबारी संबंधों को सुधारने का एक प्रयास है, लेकिन इसके साथ आने वाली आर्थिक चुनौतियां पाकिस्तान के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं. ऐसे में यदि यह मॉडल सफल होता है तो इससे पाकिस्‍तान को प्रारंभिक लाभ हो सकता है, लेकिन लंबे समय में यह भारत पर आर्थिक निर्भरता बढ़ा सकता है, जिससे पाकिस्तान की स्वतंत्र आर्थिक पहचान कमजोर हो सकती है.

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