Greenland parliamentary election: ग्रीनलैंड पर अमेरिकी कब्जे के डोनाल्ड ट्रंप की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि ग्रीनलैंड के संसदीय चुनाव में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की घोर विरोधी पार्टी ने जीत दर्ज की है, जो अमेरिका के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. दरअसल, ट्रंप राष्ट्रपति बनने के बाद से ही ऐसा दावा कर रहे है कि वो ग्रीनलैंड लेकर रहेंगे, लेकिन अब ग्रीनलैंड में मध्यमार्गी-दक्षिणपंथी विचारधारा वाली ‘डेमोक्रेटिट पार्टी’ के जीत के बाद ऐसा होना बेहद मुश्किल लग रहा है.
वहीं, ग्रीनलैंड में ‘डेमोक्रेटिक’ की अप्रत्याशित जीत से यह संकेत मिलता है कि ग्रीनलैंड में कई लोग स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, सांस्कृतिक विरासत और अन्य सामाजिक नीतियों के प्रति भी उतने ही चिंतित हैं. ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट बोरुप एगेडे ने चुनाव की घोषणा से पहले ही कहा था कि देश को ऐसे ‘‘गंभीर समय’’ में एकजुट होने की जरूरत है जो ग्रीनलैंड ने पहले कभी अनुभव नहीं किया है.
ट्रंप ने किया था दावा
दरअसल, ट्रंप ग्रीनलैंड पर नियंत्रण की अपनी इच्छा को लेकर उन्होंने पिछले सप्ताह कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि अमेरिका ग्रीनलैंड को ‘‘हर हाल में’’ हासिल करके रहेगा. उन्होंने कहा था कि ग्रीनलैंड, डेनमार्क का एक स्वशासित क्षेत्र है जो उत्तरी अटलांटिक में रणनीतिक रूप से अहम हवाई एवं समुद्री मार्गों से जुड़ा हुआ है और इसमें मोबाइल फोन से लेकर अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी तक सब कुछ बनाने के लिए आवश्यक दुर्लभ खनिजों के समृद्ध भंडार हैं.
जानें कितनी है ग्रीनलैंड की आबादी?
बता दें कि 56 हजार लोगों की आबादी वाला यह द्वीप साल 2009 से ही स्वतंत्रता की ओर अग्रसर है. वहीं, इस चुनाव के दौरान चुने गए 31 सांसद, द्वीप के भविष्य को आकार देंगे क्योंकि देश में इस बात को लेकर बहस जारी है कि क्या स्वतंत्रता की घोषणा करने का समय आ गया है. दरअसल, चुनावी दौड़ में शामिल पांच मुख्य दलों में से चार ने स्वतंत्रता की मांग की लेकिन यह कब और कैसे होगा, इस बात को लेकर उनमें असहमति थी.
आपको बता दें कि ग्रीनलैंड में ‘नालेराक’ सबसे आक्रामक रूप से स्वतंत्रता के पक्ष में है, जबकि ‘डेमोक्रेटिट’ बदलाव की अधिक उदार गति की पक्षधर है. इसी बीच ‘पोलर रिसर्च एंड पॉलिसी इनिशिएटिव’ के प्रबंध निदेशक ड्वेन मेनेजेस ने कहा कि ‘‘स्वतंत्रता के लिए कौन सा दृष्टिकोण विजयी होगा यह अंततः इस बात पर निर्भर करेगा कि ‘डेमोक्रेटिट पार्टी’ गठबंधन सरकार बनाने का फैसला करती है या नहीं. यदि ऐसा होता है तो वह किस पार्टी के साथ गठबंधन में सरकार बनाएगी.’,
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