USA: अमेरिका मे आज से रद्द हो जाएंगे H-1B वीजा, जानिए भारतीयों पर क्या पड़ेगा इसका प्रभाव

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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H-1B visas canceled: डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी सत्‍ता में दोबारा लौटने के बाद से ही देश कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधारों और नियम-कानूनों में परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है. ऐसे में ही 20 मार्च को अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा को रद्द किए जाने का फैसला लिया गया है.

दरअसल, अमेरिका में H-1B वीजा कार्यक्रम में गुरुवार यानी 20 मार्च से कई अहम बदलाव किए जाने है. जिसमें फॉरेन लेबर एक्सेस गेटवे (FLAG) पुराने आवेदनों को हटा रहा है और यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) इस प्रक्रिया के लिए एक नई प्रणाली लागू कर रहा है.

हटा दिया जाएगा 5 साल से पुराना रिकॉर्ड

आपको बता दें कि अभी तक H-1B वीजा प्रणाली अमेरिका में काम की तलाश कर रहे विदेशी कुशल श्रमिकों के लिए एक प्रमुख मार्ग रहा है. हालांकि ट्रंप प्रशासन ने इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए नई प्रणाली को लागू किया है, जिसके तहत 5 साल से पुराना कोई भी रिकॉर्ड सिस्टम से हटा दिया जाएगा. वहीं, अगर किसी मामले की अंतिम निर्धारण तिथि 22 मार्च 2020 है, तो आवेदन इस वर्ष 22 मार्च को हटा दिया जाएगा.

पहले और अब में क्या होगा अंतर

इसके अलावा, नियोक्‍ताओं को 19 मार्च तक पांच साल से पुराने किसी भी मामले को डाउनलोड करने के लिए कहा गया है. दरअसल, इसकी जगह पर अब USCIS एक नई आवेदन प्रक्रिया शुरू करेगा, जिसे सभी आवेदकों के लिए अधिक निष्पक्ष और समान बताया जा रहा है. हालांकि पिछली प्रणाली में एक व्‍यक्ति के लिए कई नियोक्ता आवेदन जमा कर सकते थे, लेकिन अब H-1B वीजा के लिए नई प्रणाली में इसे अधिक निष्पक्ष विधि द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा जो सभी आवेदकों को समान अवसर प्रदान करती है भले ही कितने भी नियोक्ता उनके लिए आवेदन करें.

बता दें कि संशोधित प्रणाली में आवेदनों के बजाय लाभार्थियों का चयन किया जाएगा, जिसका मकसद एक ही व्यक्ति के लिए डुप्लिकेट प्रविष्टियों को रोकना है. इससे बड़ी कंपनियों को पिछली प्रणाली में प्राप्त एक ही व्यक्ति के लिए कई आवेदन जमा करने की अनुमति का लाभ समाप्‍त हो जाएगा.

रजिस्ट्रेशन शुल्क में बढ़ोत्तरी

वहीं, इस नए रजिस्‍ट्रेशन कराने का शुल्‍क भी काफी बढ़ जाएगा, जो प्रति प्रविष्टि 862 रुपये से 18,555 रुपये हो जाएगा. ऐसे में H-1B याचिका दाखिल करने से पहले USCIS आवेदकों को ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा, जिससे USCIS को प्रक्रिया में तेजी लाने में मदद मिलेगी. ट्रंप प्रशासन के मुताबिक, नई प्रणाली कर्मचारियों के लिए बेहतर चयन निष्पक्षता और अधिक कुशल आवेदन प्रसंस्करण का वादा करती है. इससे नियोक्ताओं के खर्च भी बढ़ेंगे, जिन्‍हें अब यह चुनना होगा कि वो किसे प्रायोजित करते है.

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