Hajj Pilgrims Death In Mecca: सऊदी अरब में भीषण गर्मी हज यात्रियों पर सितम ढा रही है. गर्मी के चलते हज के दौरान अब तक 550 हाजियों की मौत हो गई है. मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या मिस्त्र से हैं. यहां के 323 नागरिक गर्मी की वजह से होने वाली परेशानियों के चलते मारे गए है. एक रायनयिक ने कहा कि मिस्र के 323 तीर्थ यात्रियों में सिवाय एक के सभी की मौत गर्मी की वजह से हुई है. राजनयिक ने कहा कि यह आंकड़ा मक्का के पास अल-मुआइसम में अस्पताल के मुर्दाघर से आया है.
जॉर्डन के 60 लोगों की गई जान
राजनयिकों ने बताया कि जॉर्डन के कम से कम 60 हज यात्रियों की भी मौत हुई है. एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, ताजा आंकड़ों के साथ ही कई देशों की ओर से अब तक बताई गई कुल मौतों की संख्या 577 हो गई है. ये आंकड़ा 2015 के क्रेन क्रैश के बाद से सबसे ज्यादा है. राजनयिक ने बताया कि मक्का में स्थित मुर्दाघर अल-मुआइसम में कुल 550 शव रखे गए थे.
बढ़ रहा है तापमान
बता दें कि, पिछले महीने सऊदी की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया था कि जलवायु परिवर्तन से हज यात्रा प्रभावित हो सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, जिन जगहों में हज किया जाता है, वहां का तापमान हर दशक में 0.4 डिग्री सेल्सियस से बढ़ रहा है. सऊदी अरब के मौसम विभाग ने बताया कि इस साल मक्का की ग्रांड मस्जिद में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है.
पिछले साल 240 हाजियों की हुई थी मौत
बता दें कि पिछले साल हज के दौरान करीब 240 हाजियों की मौत हुई थी, जिसमें अधिकतर इंडोनेशिया के लोग थे. सऊदी अधिकारियों के मुताबिक गर्मी से बीमार हुए करीब 2 हजार हाजियों का इलाज किया जा रहा है.
दुनियाभर से हर साल करीब 20 लाख मुस्लिम हज यात्रा के लिए सऊदी अरब जाते हैं. इस्लाम के 5 स्तंभों में सबसे खास स्तंभ कहे जाने वाला हज हर बहैसियत मुसलमान के लिए जिंदगी में एक बार करना जरूरी माना जाता है. सऊदी सरकार हाजियों की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम करती है, लेकिन पिछले कुछ सालों से हज यात्रा में होने वाली मौतों की संख्या बढ़ती ही जा रही है.
ये भी पढ़ें :- Nalanda University: जानिए नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर की खासियत, जिसका PM Modi ने आज किया उद्घाटन