Haredim Jews: पिछले साल अक्टूबर से जारी गाजा युद्ध का असर इजरायली सेना पर देखने को मिल रहा है. जंग में इजरायली सैनिकों की भारी कमी होने लगी है. अब इजरायली सेना अपनी फौज का विस्तार करने के लिए धार्मिक कामों में लगे रहने वाले यहूदियों को भर्ती करने लगी है. इसकी जानकारी देते हुए IDF ने कहा कि उसने अति-रूढ़िवादी ब्रिगेड ‘हाहाश्मोनाइम’ के लिए अपनी पहली भर्ती शुरू कर दी है.
हरेदीम से ब्रिगेड की पहली कंपनी तैयार
सोमवार को आईडीएफ ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि लगभग 50 अति-रूढ़िवादी सैनिकों को सेना में भर्ती किया गया, जिससे ब्रिगेड की पहली कंपनी बनी है. आईडीएफ ने ये भी बताया कि 100 और अल्ट्रा ऑर्थोडॉक्स को 6 महीने के प्रशिक्षण के बाद ब्रिगेड की पहली रिजर्व कंपनी में शामिल किया जाएगा. इजरायली सरकार का ये कदम युद्ध जरूरतों को पूरा करने और अल्ट्रा ऑथोडॉक्स कम्यूनिटी को सेना से जोड़ने के उद्देश्य से उठाया गया है. बता दें कि अति-रूढ़िवादी यहूदियों को हरेदीम के नाम से जाना जाता है.
The IDF has started its first recruitment for the ultra-orthodox brigade ‘Hahashmonaim’.
◾️Approx. 50 ultra-orthodox recruits enlisted today, forming the brigade’s first company.
◾️Approx. 100 additional ultra-orthodox people will be part of the brigade’s first reserves company… pic.twitter.com/Wc7xmloiaw— Israel Defense Forces (@IDF) January 5, 2025
हरेदीम के बारे में जानिए
इजरायल में अति-रूढ़िवादी यहूदियों को हिब्रू भाषा में हरेदीम कहते हैं. वे यहूदी धर्म के सबसे कट्टर अनुयायी संप्रदाय हैं, जो प्रार्थना और पूजा के लिए खुद को समाज से अलग रखते हैं. उनकी एक खास परिधान होता है, जिसमें महिलाएं लंबे, मामूली वस्त्र और सिर ढकने वाला कपड़ा पहनती हैं वहीं पुरुष काले सूट या ओवरकोट और बड़ी फर वाली टोपी पहनते हैं.
जंग के बाद कानूनी छूट की गई खत्म
हरेदीम समुदाय को इजरायल के कानून में सेना में अनिवार्य भर्ती से छूट दी गई थी, इसे ‘टोराटो उमानुतो’ कहा जाता है, जिसका तात्पर्य है, ‘धर्म का अध्ययन ही उसका काम है.’ इस समुदाय को मिलने वाली कानूनी छूट को पिछले वर्ष जुलाई में समाप्त कर दिया गया है. जिसको लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे.
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