Hindu Dharm in Africa: वर्षों से दुनियाभर में सनातन धर्म का प्रचार किया जा रहा है. वैष्णव, शैव परंपरा को मानने वालों ने हिंदू धर्म की शाखा को दुनिया के कोने-कोने में फैलाने के लिए निरंतर प्रयास किए. ये प्रयास आज भी जारी है. कई ऐसी महान हस्तियां हैं, जिन्होंने अपने धर्म को त्यागकर हिंदू धर्म को अपनाया है. इसी कड़ी में आपको बता दें कि अफ्रीका के एक देश में हिंदू धर्म तेजी से फैल रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन सा वो अफ्रीकी देश जहां हिंदू धर्म तेजी से बढ़ रहा है और इसकी क्या वजह है.
इस अफ्रीकी देश में बढ़ रहा हिंदू धर्म
सनातन धर्म को दुनियाभर में तीसरे नंबर का सबसे ज्यादा आबादी वाला धर्म माना जाता है. भारत में हिंदूओं की सबसे अधिक आबादी है, हालांकि यूनेस्कों की एक रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीकी देश घाना में हिंदुओं की आबादी तेजी से बढ़ रही है. घाना में सबसे बड़ी धार्मिक आबादी मुस्लिम और ईसाई हैं, लेकिन आप्रवासियों और नव परिवर्तित घाना वासियों की संख्या में बढ़ोत्तरी के वजह से हिंदू आबादी बढ़ रही है.
घाना में क्यों बढ़ रही हिंदू आबादी
स्वामी घनानंद सरस्वती के नेतृत्व में घाना हिंदू मठ, घाना में सक्रिय रूप से हिंदू धर्म का प्रसार करने में लगा है. घाना में सक्रिय अन्य संगठनों में सत्य साईं संगठन, आनंद मार्ग और ब्रह्मा कुमारी भी हिंदू धर्म के प्रचार में अपना योगदान दे रहे हैं.
घाना में कब हुई हिंदू धर्म की शुरुआत
हिन्दू धर्म घाना में अचानक विकसित नहीं हुआ है. इसके पीछे एक ऐसा ग्रुप है जिसने हिन्दू धर्म की विशेषताओं को लोगों तक पहुंचाया है. जिससे अफ्रीकी लोगों में हिंदुत्व के प्रति श्रद्धा भाव उत्पन्न हुई है. घाना में हिंदू धर्म की शुरुआत 1947 के बाद हुई थी. सिंधी निवासियों ने 1970 के दशक में यहां हिंदू धर्म की शुरुआत की, जब भारत के विभाजन के बाद सिंधी समुदाय के कुछ लोग यहां बस गए. उसके बाद हिंदू धर्म के प्रसार में घाना के हिंदू मठ स्वामी घनानंद सरस्वती और इंटरनेशनल सोसाइटी फ़ॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
घाना में रहने वाले भारतीय मूल के हिंदुओं का अफ़्रीका हिंदू मठ से नज़दीकी रिश्ता है और वो यहां के कार्यक्रमों में लगातार शामिल रहते हैं. स्वामी घनानंद सरस्वती ने घाना में 5 मंदिर स्थापित किए हैं जो अफ्रीकी हिंदू मठ की आधारशिला रहे हैं. ये मंदिर आज भी मौजूद है. यहां के एक मंदिर की अदभुत बात ये है कि यहां शिव-पार्वती, गणेश, मां काली, भगवान श्रीराम और कृष्ण के साथ-साथ ईसा मसीह की तस्वीर भी रखी हुई है.
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