यूनान में कल से विशाल युद्धाभ्यास, आसमान में गरजेंगे भारतीय वायुसेना के विमान

Raginee Rai
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IAF in Greece: यूनान में सोमवार से 12 दिवसीय विशाल युद्धाभ्‍यास आईएनआईओसीएचओएस-25 का आयोजन किया जाएगा. इसमें भारतीय वायुसेना भी शामिल हो रही है. इस युद्धाभ्‍यास का उद्देश्य आधुनिक वायु युद्ध चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयारी करना है.

यह युद्धाभ्यास यूनान के अन्द्राविडा वायुसैन्य अड्डे पर 31 मार्च से 11 अप्रैल तक होगा. इस युद्धाभ्‍यास में भारतीय वायुसेना की अत्याधुनिक सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों के साथ-साथ लड़ाकू क्षमता वाले आईएल-78 और सी-17 ग्लोबमास्टर विमान भी शामिल होंगे. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को बढ़ाना और मित्र देशों के साथ मिलकर संयुक्त अभियानों के लिए तैयार करना है.

युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने वाले देश

INIOCHOS-25 युद्धाभ्यास में कुल 15 देशों की वायुसेनाएं हिस्‍सा लेंगी. यह अभ्यास एक अवसर देता है, जहां विभिन्न देशों की वायुसेनाएं अपने कौशल को निखार सकती हैं और सैन्य संबंधों को मजबूत कर सकती हैं. साथ ही, यह ट्रेनिंग प्रोग्राम वायुसेनाओं के बीच सामरिक ज्ञान का आदान-प्रदान भी करेगा.

यथार्थवादी युद्ध परिदृश्यों का अभ्यास

भारतीय वायुसेना ने बताया कि इस युद्धाभ्यास में यथार्थवादी युद्ध परिदृश्यों के तहत हवाई और सतही परिसंपत्तियों को एकीकृत किया जाएगा. इसका मकसद आधुनिक वायु युद्ध के समय की चुनौतियों का अनुकरण करना है, ताकि सभी भागीदार देशों की वायुसेनाओं की तत्परता और एकजुटता को बढ़ाया जा सके.

भारत की रणनीतिक साझेदारी को मजबूती

भारतीय वायुसेना के अनुसार, यह युद्धाभ्यास भारत की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा. इसके अलावा, यह अभ्यास मित्र देशों के साथ संयुक्त अभियानों के लिए भारत की वायुसेना की क्षमता को भी बढ़ाएगा, जिससे भविष्य में इंटरनेशनल लेवल पर सहयोग और तालमेल बढ़ेगा.

सैन्य संबंधों को बढ़ाने का मंच

यह युद्धाभ्यास वायुसेनाओं के लिए एक ऐसा मंच है, जो उन्हें एक साथ आकर अपने युद्ध कौशल को बेहतर बनाने और सैन्य संबंधों को मजबूती देने का अवसर प्रदान करता है. भारतीय वायुसेना ने इस अभ्यास का हिस्‍सा बनने के लिए उत्सुकता जाहिर की है और इसे एक महत्वपूर्ण अवसर माना है, जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग, तालमेल और अंतर-संचालनशीलता को बढ़ावा देगा.

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