ICJ: गाजा के दक्षिणी शहर रफह में इजराइल के सैन्य अभियान को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने दक्षिण अफ्रीका के अनुरोध पर बृहस्पतिवार को सुनवाई शुरू की. बता दें कि यह सुनवाई दो दिन तक चलेगी. हांलाकि यह पहली बार नहीं बल्कि चौथी बार है जब दक्षिण अफ्रीका ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) से आपातकालीन उपायों का अनुरोध किया है. दरअसल, दक्षिण अफ्रीका यह आरोप लगाते हुए न्यायालय का रुख किया है कि गाजा में हमास के साथ युद्ध में इजराइल की सैन्य कार्रवाई नरसंहार के समान है.
खराब होती जा रही है हालत
दक्षिण अफ्रीका की नई याचिका में कहा गया कि हेग स्थित अदालत के पिछले आदेश ‘‘गाजा के लोगों के लिए एकमात्र शरणस्थल पर बर्बर सैन्य हमले’’ को रोकने के लिए काफी नहीं थे. दक्षिण अफ्रीका ने कहा कि युद्धग्रस्त क्षेत्र में लगातार स्थिति खराब होती जा रही है. वहीं, नीदरलैंड में भी दक्षिण अफ्रीका के राजदूत वुसिमुजी मैडोनसेला ने कहा कि इजराइल का नरसंहार तेजी से जारी है और यह एक नए एवं भयानक दौर में पहुंच गया है.
ICJ: इजराइल का इनकार
हालांकि दक्षिण अफ्रीका ने शीर्ष अदालत से इजराइल को रफह से पीछे हटने का निर्देश देने, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों, मानवीय संगठनों और पत्रकारों के लिए गाजा पट्टी तक निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने को लेकर उपाय का आग्रह किया है. लेकिन इस वर्ष की शुरूआत में सुनवाई के दौरान इजराइल ने गाजा में नरसंहार करने से दृढ़ता से इनकार किया और कहा था कि वह नागरिकों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करता है, केवल हमास के आतंकवादियों को निशाना बना रहा है.
ऐसे शुरू हुई थी जंग
आपको बता दें कि युद्ध की शुरुआत पिछले साल 7 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें दक्षिणी इजराइल में हमास ने हमला किया था. इस दौरान फलस्तीनी आतंकवादियों ने लगभग 1,200 लोगों की हत्या कर दी, जबकि करीब 250 लोगों को बंधक भी बना लिया था. वहीं, गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार युद्ध में करीब 35,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं.
इसे भी पढ़े:-भारत में वियल के लिए बेताब हुआ Pok! पाकिस्तान की उड़ी नींद, लोगों को समझाने में जुटे पाकिस्तान के पीएम