चीन की हिमायत कर रहा श्रीलंका, विदेशी शोध जहाजों से लगा बैन हटाने का किया ऐलान

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Sri Lanka: श्रीलंका की सरकार ने विदेशी अनुसांधान जहाजों पर बड़ा फैसला लिया है. श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने अपने जल क्षेत्र में रिसर्च के लिए आने वाले जहाजों पर लगे बैन को हटाने का ऐलान किया है. उन्‍होंने कहा कि कि हम अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग नियम नहीं बना सकते हैं. हम दूसरे देशों को इजाजत देकर केवल चीन को ब्‍लॉक नहीं कर सकते हैं. बता दें कि श्रीलंका ने इस साल जनवरी में ही विदेशी शोध जहाजों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था. अगले साल यानी 2025 में विदेशी अनुसंधान जहाजों पर लगा प्रतिबंध हटाया जाएगा.

भारत के लिए चिंता का सबब

श्रीलंका के इस फैसले को चीन के लिए वकालत के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं भारत के लिए सुरक्षा की दृष्टि से ये चिंता का विषय है क्योंकि रिसर्च के नाम पर चीनी जहाज पड़ोसी देशों में जासूसी करते रहे हैं. विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा है कि श्रीलंका अगले साल से अपने बंदरगाहों पर विदेशी अनुसंधान जहाजों को आने की परमिशन देगा. हाल ही में साबरी ने टोक्यो की अपनी यात्रा के दौरान जापानी सरकारी मीडिया एनएचके वर्ल्ड से बात करते हुए ये बातें कही है.

अली साबरी ने कहा कि हम अलग नियम नहीं रख सकते और ना ही केवल चीन को ही रोक सकते हैं. हम ऐसा नहीं करेंगे. हम किसी का पक्ष नहीं लेंगे. अपने इंटरव्‍यू में सबरी ने कहा कि यह कदम श्रीलंका को अपना खुद का सर्वे करने, डाटा इकट्ठा करने और इसे बाकी दुनिया के साथ शेयर करके व्यावसायिक रूप से दोहन करने का अवसर प्रदान करेगा.

पिछले महीने ही श्रीलंका गए थे भारतीय विदेश मंत्री

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पिछले महीने ही श्रीलंका के आधिकारिक दौरे पर थे. 20 जून, 2024 को कोलंबो की अपनी यात्रा के दौरान उन्‍होंने कोलंबो नौसेना मुख्यालय में स्थित एक समुद्री बचाव समन्वय केंद्र का उद्घाटन किया था, जिसमें दक्षिणी हंबनटोटा में एक उप-केंद्र और समुद्र तट पर मानव रहित प्रतिष्ठान थे. इसके बाद राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के कार्यालय ने कहा था कि यह केंद्र भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग को प्रदर्शित करता है. अमेरिका भी श्रीलंका के बंदरगाहों पर अहम भूमिका निभा रहा है. जापान ने भी श्रीलंका को पानी के नीचे सोनार से लैस एक जहाज देने का प्‍लान किया है. इसका इस्‍तेमाल देश की समुद्र विज्ञान सर्वेक्षण क्षमताओं को बेहतर करने के लिए अन्य जहाजों के स्थान का पता लगाने के लिए किया जाता है.

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