डोनाल्ड ट्रंप ने ईसाई धर्म को लेकर दिया ऐसा बयान जिससे भारत हो सकता है परेशान, पढें डिटेल

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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India-America Relations: मंगलवार को अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप बहुमत पाकर जीत दर्ज कर चुके हैं. ऐसे में ट्रंप का अमेरिका का 47वां राष्‍ट्रपति बनना तय है. उनकी इस जीत पर तमाम देशों के साथ ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन कर उन्‍हें जीत की बधाई दी.

पीएम मोदी ने ट्रंप को अपना दोस्‍त बताते हुए एक्‍स पर पोस्‍ट कर उन्‍हें जीत की बधाई दी और साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताई. ऐसे में जा रहा है कि अमेरिका में ट्रंप के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच के रिश्‍ते बेहतर हो सकते है. बता दें कि ट्रंप के पहले कार्यकाल में दोनों देशों के बीच संबंध काफी बेहतर थे, लेकिन इस बार धार्मिक मामले को लेकर टेंशन हो सकती है.

किस धार्मिक मामले को लेकर हो सकती है टेंशन?

दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक भाषण के दौरान ईसाई धर्म को लेकर ऐसी बात कही है, जिससे भारत में तनाव का माहौल उत्‍पन्‍न हो सकता है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो ईसाई धर्म को आगे बढ़ाएंगे, ईसाइयत का बढ़ावा देंगे. हालांकि भारत में इसे लेकर स्थिति ठीक विपरित है. भारत में ईसाई धर्म के लोगों पर अक्सर हिंदू धर्मावलंबियों को जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगता रहा है. ऐसे में ट्रंप के इस बयान को काफी गंभीरता से लेने की आवश्‍यकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप का इंजीलवादी आधार अपने वैश्विक धर्मांतरण मिशन को जारी रखने के लिए जगह चाहता है. जबकि, अमेरिकी सीनेट की विदेश संबंध समिति के होने वाले अध्यक्ष जिम रिश के भारत में धार्मिक स्वतंत्रता और चर्चों के फंडिंग पर प्रतिबंधों के संबंध में अपनी चिताएं और उद्देश्य हैं.

भारत में बढ़ सकती हैं समस्‍याएं

बता दें कि भारत इस बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट है कि भारतीय सभ्यता के लिए इस प्रकार का ईसाई नेटवर्क खतरा साबित हो सकता है. दरअसल आज भी भारत के कई हिस्सों से प्रलोभन देकर और धोखा देकर बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की कथित घटनाएं सामने आती रहती है और यही वजह है कि अमेरिका में ट्रंप के इस बयान को लेकर भारत की समस्‍याएं बढ़ सकती है. हालांकि दोनों देशों के अपने हित समूहों और अपने वैचारिक विश्व दृष्टिकोण के साथ आगे आ रहे हैं.

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