India-Bangladesh: बांग्लादेश का एक विशेषज्ञ दल भारत के साथ गंगा नदी के जल बंटवारे पर बातचीत करने के लिए कोलकाता पहुंचा है. चर्चा करने के लिए कोलकाता पहुंचा है. बांग्लादेश के इस प्रतिनिधिमंडल के दौरे का मकसद वर्तमान जल बटवारे की व्यवस्था की समीक्षा करना और भविष्य में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करना है. इस 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संयुक्त नदी आयोग (JRC) के अधिकारी मुहम्मद अबुल होसेन कर रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, अपनी यात्रा के दौरान, यह दल सबसे पहले 5 मार्च को फरक्का बैराज जाएगा, जहां वो गंगा नदी के जल प्रवाह का निरीक्षण करेंगे और फिर इसके बाद 6 और 7 मार्च को कोलकाता के हयात रीजेंसी होटल में दो दिवसीय बैठक में भाग लेंगे.
गंगा जल संधि के क्रियान्वयन की होगी समीक्षा
भारत और बांग्लादेश की ये बैठक संयुक्त नदी आयोग के तहत आयोजित की जा रही हैं. बता दें कि पहली बैठक में साल 1996 में हुए गंगा जल संधि के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी,जो भारत और बांग्लादेश के बीच गंगा के जल के न्यायसंगत बंटवारे को सुनिश्चित करने के लिए की गई थी.
54 नदियों के प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं पर होगी चर्चा
वहीं, दूसरी बैठक में दोनों देशों द्वारा साझा की जाने वाली 54 नदियों के प्रबंधन से जुड़ी तकनीकी समस्याओं पर चर्चा होगी. दोनों देशों की यह काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, क्योंकि गंगा जल संधि 2026 में समाप्त हो रही है. इस दौरान भारत और बांग्लादेश को यह तय करना होगा कि वे इस समझौते को नवीनीकृत करेंगे या इसमें कोई बदलाव करेंगे.
बैठक में ममता बनर्जी निभा सकती है एक महत्वपूर्ण भूमिका
बता दें कि इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. हालांकि, वे तीस्ता नदी जल बंटवारे के समझौते का विरोध करती रही हैं, जिसे 2011 में अंतिम रूप दिया गया था लेकिन अभी तक लागू नहीं किया गया है.
वहीं, जल संधियों के अलावा, भारत मानसून के दौरान बांग्लादेश को गंगा, तीस्ता, ब्रह्मपुत्र और बराक जैसी प्रमुख नदियों की बाढ़ की चेतावनी संबंधी जानकारी भी प्रदान करता है. इससे बांग्लादेश को समय रहते तैयारी करने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद मिलती है.
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