India-Bangladesh: तीस्ता जल बंटवारा विवाद को सुलझाना चाहते हैं मोहम्मद यूनुस, बोले-

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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India-Bangladesh Relation: भारत और बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. अब बांग्‍लादेश में तख्‍तापलट के बाद बनी यूनुस सरकार इससे जुड़े मतभेदों को सुलझाना चाहती है. बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने कहा है कि सरकार लंबे समय से लंबित तीस्ता जल बंटवारा संधि पर मतभेदों को सुलझाने के तरीकों पर भारत के साथ काम करेगी, क्योंकि इसे सालों तक टालने से किसी को फायदा नहीं होगा.

मोहम्‍मद यूनुस ने ढाका में अपने सरकारी आवास पर पीटीआई से इंटरव्‍यू में कहा कि दोनों देशों के बीच जल बंटवारे के मसले को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के मुताबिक सुलझाया जाना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश जैसे निचले तटवर्ती देशों के पास विशिष्ट अधिकार हैं जिन्हें वो बरकरार रखना चाहते हैं.

इस मुद्दे को सुलझाना होगा

मीडिया से बात करते हुए यूनुस ने कहा कि इस मुद्दे को निपटाने के लिए काम नहीं करने से कोई फायदा नहीं होने वाला है. भले ही मैं खुश ना भी होऊं और हस्ताक्षर कर दूं, लेकिन अगर मुझे पता होगा कि मुझे कितना पानी मिलेगा, तो यह बेहतर रहेगा. इस मुद्दे को सुलझाना होगा. मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या अंतरिम सरकार तीस्ता जल बंटवारा संधि के मामले को शीघ्र हल करने का दबाव बनाएगी,  तो उन्होंने कहा कि इस पर नई सरकार काम करेगी.

जब तक संधि पर हस्‍ताक्षर नहीं हो जाते तब…

मोहम्‍मद यूनुस का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में जल संसाधन मामलों की सलाहकार सैयदा रिजवाना हसन ने कुछ ही दिन पहले ‘पीटीआई’ से कहा था कि सरकार तीस्ता नदी जल बंटवारे पर भारत के साथ बातचीत फिर से शुरू करना चाहती है. बांग्लादेश में आई बाढ़ तथा बाढ़ के लिए भारत को दोषी बताए जाने संबंधी ढाका से आई रिपोर्ट के बारे में मोहम्‍मद यूनुस ने कहा कि जब तक संधि पर हस्ताक्षर नहीं हो जाते, तब तक ऐसे संकटों से निपटने के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि भारत के उच्चायुक्त जब मुझसे मिलने आए, तो मैंने कहा कि हम बाढ़ के दौरान स्थिति को कंट्रोल करने के लिए बेहतर प्रबंधन पर काम कर सकते हैं. भारत-बांग्‍लदेश के बीच इस तरह के समन्वय के लिए हमें किसी संधि की जरूरत नहीं है. यूनुस ने कहा कि हम मानवीय आधार पर साथ मिलकर इस पर काम कर सकते हैं और इसका समाधान कर सकते हैं, क्योंकि इससे आम लोगों की पीड़ा कम होगी.

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