India-Bangladesh: बांग्लादेश में जल्द ही एक बार फिर तख्तातलट होने वाला है. इसके लिए बांग्लादेश की आर्मी पूरी तरह से कमर कस चुकी है आर इसके परिणाम आने वाले कुछ दिनों में दिखना भी शुरू हो जाएगा. ऐसे में अब सवाल है कि क्या शेख हसीना एक बार फिर बांग्लादेश की बागडोर संभालेंगी.
वहीं, कुछ समय पहले ही ये खबर आई थी कि भारत ने बांग्लादेश के आर्मी चीफ का तख्तापलट होने से बचाया था. दरअसल, बांग्लादेश स्थापना दिवस से ठीक पहले मोहम्मद यूनुस के चीन जाने वाले थे. ऐसे में शायद उन्हें पता चल गया है कि सेना बांग्लादेश में कभी भी तख्तापलट कर सकती है.
सेना के हाथों में तख्तापलट की कमान
वहीं, दूसरी ओर बांग्लादेशी सेना के कुछ सीनियर अधिकारी पाकिस्तान की आईएसआई चीफ वकार उज्मान की कुर्सी छीनने वाले थे. क्योंकि वकार उज्जमान भारत समर्थक बाते करते हैं. वो शेख हसीना के करीबी हैं. लेकिन सूत्रों के मुताबिक भारत ने अमेरिका और नाटो देशों की मदद से वकार उज्जमान की कुर्सी बचा ली. ऐसें भारत के इस कर्ज को चुकाने के लिए बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने देश मे तख्तापलट की कमान अपने हाथों में ले ली है.
बांग्लादेश में आतंकी हमले का खतरा
दरअसल, वकार उज्मान ने बड़ी ही सटीक प्लानिंग के साथ मोहम्मद यूनुस के तख्तापलट की तैयारी शुरू कर दी है. वकार का कहना है कि बांग्लादेश में आतंकी हमले का खतरा है. इसके साथ ही जनरल जमान ने कमांडरों की बैठक में कट्टरपंथियों के खिलाफ एक्शन का आदेश भी दे दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा है कि देश की सुरक्षा के लिए मुझे सड़कों पर सेना उतारनी होगी. अर्थात मोहम्मद यूनुस के तख्तापलट के दौरान जो कट्टकरपंथी सड़कों पर दंगे करने उतरेंगे उन्हें रोकने के लिए पहले से ही सेना तैनात होगी.
इन तीन विकल्पों पर विचार कर रही है सेना
पहला: सेना कानून-व्यवस्था बहाल करने के नाम पर अंतरिम सरकार में सीमित हस्तक्षेप कर सकती है.
दूसरा: इमरजेंसी लागू कर यूनुस सरकार को किनारे कर सकती है.
तीसरा: सीधे सत्ता संभालकर देश को चुनाव की ओर ले जा सकती है. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, सेना तीसरा विकल्प सीधे सत्ता हाथ में लेकर दिसंबर में चुनाव करवाने का कदम उठा सकती है.
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