India Bhutan relations: भारत सरकार और भूटान के अंतरराष्ट्रीय सीमा कार्यालय के अधिकारियों के बीच नई दिल्ली में दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया. शुक्रवार को हुई इस बैठक में सीमा से संबंधित क्षेत्रीय कार्य की समीक्षा की गई. इस दौरान दोनों पक्षों ने इस मामले में संबंधित क्षेत्रीय सर्वेक्षण टीमों और अन्य हितधारकों की ओर से किए गए कार्यो पर संतोष व्यक्त किया.
सीमा संबंधित क्षेत्रीय मामलों पर की चर्चा
इस बातचीत के दौरान भारत और भूटान ने दोनों सरकारों की प्राथमिकताओं के अनुसार सर्वेक्षण और सीमा से जुड़े कार्यों की तकनीक और क्षमता निर्माण सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय पक्ष का नेतृत्व भारत के महासर्वेक्षक हितेश कुमार एस. मकवाना ने किया. जबकि भूटान सरकार में अंतर्राष्ट्रीय सीमा सचिव दाशो लेथो टी. तांगबी ने पड़ोसी देश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. इस दौरान दोनों पक्षों ने अगले तीन फील्ड सीजन के लिए कार्य योजना को भी अंतिम रूप दिया.
मैत्रीपूर्ण माहौल में हुई बैठक
वहीं, विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि “भारत और भूटान के बीच मैत्री और सहयोग के अनूठे संबंध हैं, जो आपसी विश्वास, साझा मूल्यों और सभी स्तरों पर अत्यधिक सद्भावना पर आधारित हैं. बैठक सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण माहौल में हुई और यह द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों में नियमित वार्ता की परंपरा के अनुरूप है.”
भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
जानकारों के मुताबिक भारत और भूटान अपने सामरिक हितों के बारे में एक जैसी धारणा रखते हैं. इसके साथ ही सुरक्षा मुद्दों तथा सीमा प्रबंधन पर एक दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं. बता दें कि भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापार और विकास साझेदार है और भूटान द्वारा आयातित अधिकांश आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का स्रोत भी है.
इस बैठक से पहले ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि साल 2014 से भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, चाहे वह बांग्लादेश हो, भूटान हो, नेपाल हो या म्यांमार हो. बता दें कि पीएम मोदी पिछले साल भूटान का दौरा किया था.
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