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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि टैरिफ (आयात-निर्यात पर लगने वाला शुल्क) के बीच देशों के साथ नए सिरे से आर्थिक रिश्ते बनाए जाएं. इसी वजह से भारत शायद अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने वाला पहला देश बन सकता है. उक्त बातें अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट (Scott Besant) ने सोमवार को कही. उन्होंने कहा, उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस पिछले हफ्ते भारत गए थे और उन्होंने वहां हुई अच्छी प्रगति की बात की.
स्कॉट बेसेंट ने सीएनबीसी से कहा, मुझे लगता है कि भारत उन शुरुआती देशों में होगा, जिनके साथ हम व्यापार समझौता करेंगे. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि पहला व्यापार समझौता पिछले हफ्ते ही हो सकता था. ट्रंप के चुनाव अभियान का एक बड़ा वादा व्यापार संबंधों को नए तरीके से तय करना था.
भारत में टैक्स के अलावा व्यापार में कम हैं रुकावटें
अब जब वह राष्ट्रपति बनने के 100वें दिन में पहुंच रहे हैं, तो ऐसे समय में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत के साथ समझौता उनके लिए बड़ी कामयाबी मानी जाएगी. पिछले हफ्ते बेसेंट ने पत्रकारों से कहा था कि भारत के साथ समझौता जल्दी ही हो सकता है. उन्होंने कहा, भारत में टैक्स के अलावा व्यापार में रुकावटें कम हैं, वहां मुद्रा में कोई गड़बड़ी नहीं होती और सरकारी सब्सिडी भी बहुत कम है, इसलिए भारत के साथ समझौता करना काफी आसान है.
पिछले हफ्ते भारत दौरे के दौरान वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्यापार को लेकर बातचीत की थी. दोनों देशों ने कहा कि बातचीत आगे बढ़ाने के लिए एक योजना तैयार कर ली गई है. वेंस ने कहा, हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अमेरिका और भारत ने व्यापार बातचीत के नियमों को आधिकारिक रूप से तय कर लिया है.
उन्होंने कहा, यह राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के विचारों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह हमारे देशों के बीच अंतिम समझौते की ओर एक रास्ता तैयार करता है। मुझे लगता है कि अमेरिका और भारत मिलकर बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं. अगर कोई द्विपक्षीय समझौता नहीं होता है, तो जुलाई में ट्रंप की टैरिफ व्यवस्था लागू होने पर भारत को 26 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा.
दक्षिण कोरिया के साथ अच्छी रही है बातचीत
बेसेन्ट ने यह भी कहा कि दक्षिण कोरिया के साथ बातचीत बहुत अच्छी रही है और जापान के साथ भी कुछ बहुत महत्वपूर्ण बातचीत हुई हैं. इस महीने की शुरुआत में जब ट्रंप जापान के साथ व्यापार वार्ता में शामिल हुए थे, तो शुरुआत में जल्दी समझौते की उम्मीद थी, लेकिन ये उम्मीदें खत्म हो गईं. दक्षिण कोरियाई अधिकारियों का कहना है कि 3 जून को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले समझौता होने की संभावना नहीं है.
जहां तक चीन की बात है, उन्होंने कहा कि यह इस पर निर्भर करेगा कि चीन क्या कदम उठाता है. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि तनाव कम करना चीन पर निर्भर करता है, क्योंकि हम जितना सामान चीन को बेचते हैं, उससे पांच गुना अधिक सामान चीन हमें बेचता है, इसलिए 125 प्रतिशत टैरिफ (शुल्क) टिकाऊ नहीं है. उन्होंने कहा, चीन द्वारा कुछ अमेरिकी उत्पादों पर 125% तक के उच्च टैरिफ में छूट देना यह दिखाता है कि बीजिंग स्थिति को ठीक करने की कोशिश कर रहा है_