India Canada Crisis: इस वक्त भारत-कनाडा के संबंधों में एक बार फिर से कड़वाहट आ चुकी है, जिसके लिए कहीं न कहीं पाकिस्तान का भी हाथ होना शामिल है, क्योंकि दोनों देशों के संबंधों के बिगड़ने से कुछ सप्ताह पहले, कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) की निदेशक वैनेसा लॉयड ने स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने देश की राजनीति को प्रभावित करने में भूमिका निभाई है.
इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा था कि इस्लामाबाद की कार्रवाइयां खालिस्तानियों के समर्थन से जुड़ी हुई हैं. अपने इस टिप्पणियों का उन्होंने एक वीडियो भी देश के विदेशी हस्तक्षेप आयोग के सामने दिया था, जो मंगलवार को भारत-कनाडा के बीच राजनयिक विवाद बढ़ने के साथ ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.
वायरल हुआ वीडियो
वीडियों में उन्होंने गवाही के दौरान कहा कि सीधे तौर पर पाकिस्तान का प्रभाव खालिस्तानी चरमपंथ के समर्थन से जुड़ा हुआ है, जो कनाडा की चुनावी प्रक्रियाओं में विदेशी हस्तक्षेप की व्यापक जांच का हिस्सा था. यह वीडियो उस वक्त वायरल हुआ जब ओटावा ने मामले में कुछ निष्कर्षों को देखते हुए भारत के खिलाफ संभावित प्रतिबंधों का संकेत दिया. साथ ही नई दिल्ली ने भी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को जोरदार तरीके से खारिज कर दिया.
कनाडा ने भारत पर लगाए ये आरोप
दरअसल, 14 अक्टूबर को भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और निज्जर हत्याकांड मामले की जांच भारतीय राजदूतों को जोड़ने वाले ओटावा के आरोपों को खारिज कर कनाडा से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने की घोषणा की थी.
बता दें कि सितंबर 2023 में ट्रूडो की ओर से निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के आरोप लगाएं गए थें, जिसके बाद से ही दोनों देशों के बीच संबंध गंभीर तनाव में आ गए थे. उस दौरान नई दिल्ली ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया था. इसके अलावा कनाडाई अधिकारियों ने भारतीय एजेंटों पर खालिस्तान समर्थकों को निशाना बनाकर हत्या, जबरन वसूली और हिंसक कृत्यों में शामिल होने का भी आरोप लगाया.
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