India-Canada Diplomatic Row: कनाडा में मौजूद खालिस्तानी आतंकियों को लेकर भारत सरकार लगातार कनाडा सरकार को सबूत देती रही है, लेकिन इसके बावजूद भी कनाडा सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इसके उलट भारत पर ही आरोप लगा रहा है. दरअसल कनाडाई पीएम ने हाल ही में खालिस्तानी निज्जर के हत्या मामले में भारत के अधिकारियों के शामिल होने का आरोप लगया था.
हालांकि भारत ने कनाड़ा के इन आरोपों बेबुनियाद करार देते हुए सिरे से खारिज कर दिया.वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी साफ कर दिया है कि कनाडा सरकार की ओर से भारत सरकार को कोई ऐसे सबूत या तथ्य नहीं दिए गए, जिसके आधार पर उनके आरोपों को सही माना जा सके.
आतंकियों के नेटवर्क पर वार कर रही NIA
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार और जांच एजेंसी अपने-अपने स्तर पर कनाडा और दुनिया के अलग-अलग देश में बैठे खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार बैठें हैं.एक ओर जहां भारत सरकार कूटनीति माध्यम से आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लगातार दबाव बना रही है तो वहीं, दूसरी ओर नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी देश में इन खालिस्तानी आतंकियों के नेटवर्क पर वार कर रही है.
कोर्ट के आदेश पर हो रही कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, एनआईए पिछले कुछ समय से लगातार इन आतंकियों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. इसके साथ ही इन आतंकियों के भारत में मौजूद मददगार और उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई भी शुरू कर चुकी है. एनआईए ये कार्रवाई सीधे तौर पर कानून और अदालत के आदेश के आधार पर कर रही है.ऐसे में यह स्पष्ट है कि देश के खिलाफ अगर कोई भी व्यक्ति बुरी नजर या बुरे इरादे के साथ कोई कार्रवाई करने की सोचेगा तो देश से लेकर विदेश तक उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इन आतंकियों की प्रॉपर्टी सीज
ऐसे में इस साल के मार्च महीने में NIA ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के आतंकी हरविंदर सिंह की संपत्ति को तरन तारन में सीज किया है. इसके अलावा, अप्रैल में भगोड़े खालिस्तानी आतंकी रमनदीप सिंह की फिरोजपुर जिले में स्थित एक संपत्ति और अप्रैल महीने में ही दो और खालिस्तानी आतंकी हबीब खान और लखबीर सिंह के फजलका स्थित संपत्ति को भी एनडीपीएस की धाराओं के तहत सीज किया.
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