कनाडा में खालिस्तानियों से सतर्क रहें भारतीय छात्र, संजय वर्मा ने अभिभावकों से भी की ये अपील

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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India-Canada Relationship: भारत और कनाडा के बीच रिश्‍तों में बढ़ते तनाव के मद्देनजर राजनायिक संजय वर्मा ने कनाडा में भारतीय छात्रों को खालिस्तानी प्रभाव से सतर्क रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि कनाडा में भारतीय छात्रों को खालिस्तानी आतंकवादियों तथा उग्रवादियों के कट्टरपंथी बनाए जाने वाले प्रयासों से बचकर रहना चाहिए. साथ ही उन्‍हें अपने आसपास के माहौल से भी सतर्क रहना चाहिए.

संजय वर्मा ने कनाडा में रहर रहे छात्रों के अभिभावको से भी अनुरोध किया है कि वो अपने बच्चों से नियमित रूप से संपर्क में रहें और उनकी स्थिति को समझने की कोशिश करें साथ ही उन्हें गलत निर्णय लेने से रोकें. इसके अलावा उन्‍होंने इस वक्‍त कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादियों और उग्रवादियों से भारतीय समुदाय के 319,000 छात्रों को खतरा बताया है.

कनाडा में शरण पाने के लिए अपनाते हैं ये तरीका

भारतीय राजनायिक के मुताबिक, खालिस्तानी आतंकवादी और उग्रवादी भारतीय छात्रों को नौकरी का झांसा देकर अपने नापाक इरादों को पूरा करवाते हैं. साथ ही कुछ छात्रों को भारतीय कूटनीतिक इमारतों के बाहर विरोध करने, भारत विरोधी नारे लगाने या ध्वज का अपमान करने वाली तस्वीरें और वीडियो बनाने के लिए भी प्ररित किया जाता है, और फिर उन्‍हें शरण लेने के लिए कहा जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उग्रवादियों का कहना है कि यदि वे भारत वापस गए, तो उन्हें दंडित किया जाएगा.

गलत दिशा में धकेल जा रहे भारतीय

संजय वर्मा ने आगे बताया कि कनाडा में भारतीय छात्रों पर कई प्रकार के नकारात्मक प्रभाव डाले जा रहे हैं, जो उन्हें गलत दिशा की ओर धकेल रहे हैं. हालांकि भारतीय राजदूत का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब भारत-कनाडा के कूटनीतिक संबंध बार-बार और बिना ठोस आधार के दावों के कारण खराब हो रहे हैं.

क्‍या है पूरा मामला?

दरअसल हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि “दिल्ली के एजेंट” आपराधिक गिरोहों के साथ मिलकर कनाडा में “दक्षिण एशियाई लोगों” को निशाना बना रहे हैं. भारत और कनाडा के बीच यह विवाद 2023 में उस वक्‍त शुरू हुआ जब ट्रूडो ने दावा किया कि “भारत सरकार का खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का विश्वसनीय आरोप” है. हालांकि भारत ने निज्जर के मौत से संबंधों को जोरदार तरीके से खारिज किया है और इसे बेतुका और दुर्भावनापूर्ण कहा है.

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