‘LAC से पीछे हटीं दोनों देशों की सेनाएं’, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले- बात आगे बढ़ाने के लि‍ए करना होगा इंतजार

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

India-China: भारत और चीन के बीच हुए एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो स्थानों-डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है. ऐसे में अब जल्‍द ही इन जगहों पर गश्त शुरू कर दी जाएगी. दोनों देशों के बीच इस अहम समझौते के बाद भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बात आगे बढ़ने की उम्मीद जताई है.

उन्होंने कहा कि इस समझौते के बाद उनकी पूरी कोशिश होगी कि बातचीत इससे आगे बढ़े, हालांकि इसके लिए अभी थोंड़ा इंतजार करना होगा. रक्षा मंत्री ने कहा कि LAC पर कुछ क्षेत्रों में संघर्षों को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच राजनयिक और सैन्य,दोनों ही स्तरों पर बातचीत होती रही है.

सहमति में गश्‍त और चराई का अधिकार भी शामिल

भारतीय रक्षामंत्री ने कहा कि अभी हाल की दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद जमीनी स्थिति बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बनी है, जो समानता और पारस्परिक सुरक्षा के आधार पर है. उन्‍होंने बताया कि इस सहमति में पारंपरिक क्षेत्रों के अंतर्गत गश्त और चराई का अधिकार भी शामिल है.

दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं…

राजनाथ सिंह ने ‘बड़ा खाना’ के अवसर पर भारतीय सेना के जवानों को संबोधित करते हुए शांति प्रक्रिया में सैनिकों के प्रयासों की सराहना की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम आम सहमति के माध्‍यम से इस शांति प्रक्रिया को जारी रखना चाहते हैं. क्‍योंकि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं. ऐसे में हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं और यही भारत की स्पष्ट नीति है.

शांति बनाएं रखना सरकार की कोशिश

उन्होंने कहा कि कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं कि न चाहते हुए भी देश की सीमाओं की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ता है, हालांकि सरकार की हर संभव कोशिश होती है कि शांति बनाए रखा जाए. उन्‍होंने कहा कि यह कोई छोटी बात नहीं है, बल्कि बहुत बड़ी बात है. हर कोई आपके साहस और पराक्रम से परिचित है और यही वजह है कि आज यह संवाद संभव हो पाया है.

सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है पूर्वोत्तर

राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से पूर्वोत्तर बहुत महत्वपूर्ण है. यह क्षेत्र प्राकृतिक दृष्टि से जितना सुन्दर है, उतना ही भौगोलिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण भी है. उन्‍होंने कहा कि भारत और चीन मुद्दों को सुलझाने के लिए लंबे समय से किए जा रहे प्रयासों के दौरान आज हम एलएसी पर जमीनी हालात पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं.

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