India-China Relation: भारत और चीन के संबंधों में सुधार के संकेत देखने को मिल रहे हैं. चार साल बाद दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू हो सकती हैं. भारत चीन के लिए सीधी यात्री फ्लाइट फिर से शुरू करने के लिए तैयार दिख रहा है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने दिल्ली में एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में अपने चीनी समकक्ष सोंग झियोंग से मुलाकात की है. बैठक के बाद नायडू ने कहा कि हमने दोनों देशों के बीच नागरिक उड्डयन सहयोग को मजबूत करने और मुख्य रूप से पैसेंजर फ्लाइट्स को जल्द ही शुरू करने पर चर्चा की है.
फ्लाइट ना होने से प्रभावित हो रहा कारोबार
एविएशन कंसल्टेंसी मार्टिन कंसल्टिंग के CEO मार्क डी मार्टिन ने इस पर कहा कि मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि फ्लाइट फिर से शुरू की जाएं. उड़ानें केवल बीजिंग के लिए बल्कि दूसरे चीनी प्रांतों के लिए भी होनी चाहिए. उड़ानें बंद होने से दोनों देशों के बीच व्यापार में बहुत नुकसान हुआ है. मार्टिन का कहना है कि भारत और चीन की इकोनॉमी एक-दूसरे से जुड़ी हैं. दोनों देश ब्रिक्स समूह का हिस्सा हैं और तेजी से उभरते मार्केट भी हैं. उन्होंने कहा कि उड़ानें शुरू होने से कारोबारियों के साथ ही पर्यटन को भी फायदा मिलेगा. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, चीन पिछले कुछ समय से भारत से फ्लाइट फिर से शुरू करने के लिए कह रहा था. हालांकि उड़ानें फिर से शुरू होने की कोई निश्चित डेट का ऐलान नहीं किया गया है.
तीसरे देशों के रास्ते चीन जा रहे लोग
इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स में एविएशन एंड टूरिज्म कमेटी के अध्यक्ष सुभाष गोयल के मुताबिक, लोग तीसरे देशों के रास्ते चीन जा रहे हैं. वे म्यांमार, कंबोडिया, थाईलैंड और हांगकांग से होकर उड़ान भरते हैं. यह बेहतर है कि भारतीय और चीनी एयरलाइंस तीसरे देशों की एयरलाइंस को व्यवसाय देने के बजाय सीधी फ्लाइट फिर से शुरू करें. सुभाष गोयल ने कहा कि सेवाएं बंद होने से पहले दोनों पक्षों के बीच उड़ानें भरी रहती थीं.
कोविड के दौरान बंद की गई थी उड़ानें
मालूम हो कि 2020 में कोविड महामारी के समय ही भारत और चीन के बीच फ्लाइट रोकी गई थीं. बीमारी खत्म होने के बाद दोनों देशों ने ही कोविड-19 की वजह से यात्रा पर लगा प्रतिबंध हटा दिए. लेकिन फिर भी दिल्ली और बीजिंग के बीच उड़ानें शुरू नहीं हुई. अब चार साल बाद फ्लाइट शुरू होना दोनों देशों के बीच रिश्तों में नरमी का संकेत है, क्योंकि हालिया समय में बॉर्डर पर तनाव कम हुआ है. साथ ही कारोबारी वर्ग आर्थिक सहयोग बढ़ाने की मांग कर रहा है.
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