India-China Relation: पिछले कुछ वर्षो से भारत और चीन के बीच कुछ तल्खी जरूर रही, लेकिन अब दोनों के बीच के रिश्तों में कुछ सुधार होते हुए नजर आ रही है. दरअसल, हाल ही में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की बीजिंग में मुलाकात हुई है. इस दौरान वांग यी ने कहा कि चीन और भारत को एक दूसरे से आधे रास्ते पर मिलना चाहिए और आपसी समझदारी व सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए. चीनी मंत्री का ये बयान दोनों देशों के बीच संबंध सुझारने की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है, लेकिन भारत ने ये स्पष्ट कर दिया है कि सीमा पर शांति और स्थिरता के बिना कोई भी प्रगति संभव ही नहीं है.
दोनों देशों के संबंधों में हो रहा सुधार
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि दोनों देशों को आपसी संदेह और अलगाव से बचना चाहिेए और सहयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए. भारत और चीन के रिश्तों में सुधार हो रहा है हमें इसका लाभ उठाना चाहिए, एक-दूसरे से मुलाकात करनी चाहिए, अधिक ठोस उपाय तलाशने चाहिए, तथा एक-दूसरे पर संदेह, एक दूसरे से अलगाव के बजाय आपसी समझ, आपसी समर्थन को लेकर प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए.”
भारत से दोस्ती करने के लिए इच्छुक चीन
वांग ने कहा कि दोनों देशों के संबंधों में सुधार व विकास दोनों देशों और उनके लोगों के मौलिक हितों में है, तथा ‘ग्लोबल साउथ’ देशों के वैध अधिकारों व हितों की रक्षा के लिए अनुकूल है. भारत और चीन के बीच अच्छे संबंध एशिया और दुनिया की दो प्राचीन सभ्यताओं की शांति, स्थिरता, विकास और समृद्धि में योगदान देने के लिए भी अनुकूल हैं. ये विचारशीलता दिखाती है कि चीन अब भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने और दोस्ती के लिए इच्छुक है.
चीन ने दोनों देशों के संबंधों में सुधार की प्रक्रिया को दी गति
उन्होंने आगे कहा कि बीते साल रूस के कजान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच बैठक के बाद से दोनों पक्षों ने दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को गंभीरतापूर्वक क्रियान्वित किया है, सभी स्तरों पर सक्रिय बातचीत की है तथा चीन-भारत संबंधों में सुधार की प्रक्रिया को गति दी है. चीन का ये कदम केवल दोस्ती तक ही सीमित नहीं हो सकता है. इसके पीछे उसकी रणनीतिक सोच भी हो सकती है.
दरअसल, चीन दक्षिण एशिया में अपने प्रभुत्व को बनाए रखना चाहता है. ऐसे में भारत को भी साथ लेकर वो अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के गठबंधन यानी की क्वाड को कमजोर करना चाहता है.
क्या है चीन का मकसद?
बता दें कि चीन ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने की योजना बनाई है, जो भारत के लिए एक बड़ा पर्यावरणीय और आर्थिक खतरा बन सकता है. दरअसल चीन जानता है कि भारत उसके लिए एक बड़ा बाजार है. ऐसे में वो भारत से दोस्ती बढ़ाकर भारतीय बाजारों में अपनी पकड़ को फिर से मजबूत करना चाहता है. हालांकि भारज जानता है कि क्या उसके लिए ये फायदे का सौदा होगा. वो भी खासकर तब जब चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने की योजना बना रहा, जो भारत के लिए जल संकट का कारण बन सकता है.
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