India china Relations: पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के पीछे हटने के लिए हुए समझौते के बाद द्विपक्षीय संबंधों की बहाली पर चर्चा के लिए दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि बुधवार को यहां मिलने वाले है. इसके बारे में बताते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि सहमति के अनुरूप केंद्रीय विदेश आयोग के कार्यालय के निदेशक वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल 18 दिसंबर को बीजिंग में ‘चीन-भारत सीमा विवाद’ के लिए विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक करेंगे.
सूत्रों के मुताबिक, डोभाल कुछ महत्वपूर्ण बातचीत में शामिल होने के लिए मंगलवार को बीजिंग पहुंचेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आगे बढ़ने का रास्ता मिलने की उम्मीद है. बता दें कि भारत-चीन सीमा विवाद को निपटाने के लिए विशेष प्रतिनिधियों के इस तंत्र ने पिछले कुछ वर्षों में 22 बार बैठकें की हैं.
पहले हुई बैठकों में नहीं मिली सफलता
इससे पहले हुई बैठकों में सीमा विवाद को सुलझाने में सफलता नहीं मिली, लेकिन दोनों पक्षों के अधिकारी इसे दोनों देशों के बीच बार-बार होने वाले तनाव को दूर करने में एक बहुत ही आशाजनक, उपयोगी और आसान उपकरण मानते हैं. वहीं, विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 21 अक्टूबर को दिल्ली में कहा था कि पिछले कई हफ्तों से चल रही बातचीत के बाद समझौते को अंतिम रूप दिया गया है और इससे 2020 में उठे मुद्दों का समाधान निकलेगा.
कजान में हुई थी दोनों पक्षों की मुलाकात
इसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने इस समझौते की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों पक्ष प्रासंगिक मामलों के समाधान तक पहुंच गए हैं. ऐसे में चीन इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए भारत के साथ काम करेगा. बता दें कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 24 अक्टूबर को कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की थी और इस दौरान ही पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और पीछे हटने के समझौते का समर्थन किया.
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