India-China Relations: भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति स्थापित करने के प्रयासों के बीच बीजिंग ने नई चाल चल दी है. चीन बार्डर पर सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी है. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने एलएसी के पास युद्धाभ्यास शुरू कर दिए हैं. यह न सिर्फ एक सैन्य प्रशिक्षण का हिस्सा है, बल्कि चीन की रणनीतिक योजना का भी हिस्सा मालूम पड़ता है. इस युद्धाभ्यास में एडवांड तकनीक, जैसे ड्रोन और मानव रहित प्रणालियों का उपयोग किया जा रहा है. इससे स्पष्ट है कि चीन अपनी सैन्य ताकत को और अधिक उन्नत करने में लगा हुआ है.
युद्धाभ्यास में हाई-टेक तकनीक का इस्तेमाल हुआ
चीन के इस अभ्यास में उन्नत तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जैसे ड्रोन, मानव रहित प्रणाली (UAVs), और एक्सोस्केलेटन. खास तौर से, चीन के सैनिक अब ऊंचाई वाले इलाकों में इन तकनीकों का प्रयोग कर रहे हैं, जो उन्हें काफी कुशल बनाता है. एक्सोस्केलेटन की मदद से सैनिक अपनी ताकत और गति को बढ़ाकर कठिन इलाकों में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.
भारत-चीन के बीच समझौते के बावजूद बढ़ी घबराहट
दोनों देशों के बीच गश्ती बहाली के लिए हुए समझौते के बाद ड्रैगन ने यह कदम उठाया है. मालूम हो कि भारत और चीन के बीच पिछले साल 21 अक्टूबर को एक समझौता हुआ था, जिसके तहत विवादित क्षेत्रों में पेट्रोलिंग को फिर से बहाल करने की बात की गई थी. इस समझौते का उद्देश्य सीमा पर तनाव कम करना था, लेकिन चीन की यह नई मिलिट्री ड्रिल इस बात का संकेत है कि सीमा पर तनाव अभी भी बना हुआ है. इससे पहले, 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य स्थिति और डिप्लोमैटिक प्रयासों को लेकर लगातार उतार-चढ़ाव दिखने को मिले
इंडियन आर्मी किसी भी मुकाबले के लिए तैयारी
भारतीय सेना भी चीन की इस हरकत का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. भारतीय सेना लद्दाख में शीतकालीन युद्धाभ्यास कर रही है और अपनी सैन्य चौकियों को मजबूत करने में लगी है. साथ ही निगरानी सिस्टम को भी सुदृढ़ कर रही है. भारत के सैनिकों को अब आधुनिक सैन्य उपकरणों से लैस किया जा रहा है, ताकि किसी भी संभावित घुसपैठ का करार जवाब दिया जा सके.
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