UN News: सात अक्टूबर को हुए हमास हमले के बाद से ही इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है. इजराइल ने आतंकी संगठन हमास को जड़ से उखाड़ फेंकने का कसम खा लिया है. बीते दिनों खबर आई थी कि इजराइली एयरस्ट्राइक में 90 फलिस्तीनी मारे गए, जबकि 300 लोग घायल हो गए. फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रभारी राजदूत एवं उप स्थायी प्रतिनिधि आर.रवीन्द्र ने यूएन एजेंसी के एक सम्मेलन में बयान दिया. उन्होंने फलस्तीनी मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए नई दिल्ली की ऐतिहासिक और अटूट प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की. आर. रवींद्र ने कहा कि ‘‘भारत ने हमेशा बातचीत के जरिए द्वि-राष्ट्र समाधान का सपोर्ट किया है, ताकि एक संप्रभु, स्वतंत्र और सक्षम फलस्तीन देश की स्थापना हो सके.’’
इस बात को लेकर की निंदा
फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (UNRWA) के सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इसमें भारत का पक्ष रखते हुए आर रवींद्र ने कहा कि भारत ने गाजा में जारी इजराइल-हमास संघर्ष पर सैद्धांतिक रुख अपनाया है और नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के हताहत होने की सख्त निंदा की है.
फलस्तीन के छात्र को दे रहा छात्रवृत्ति
आर रवीन्द्र ने कहा कि मुश्किलों को कम करने में यूएनआरडब्ल्यूए की भूमिका अहम बनी हुई है. उन्होंने कहा कि फलस्तीन के लोगों के लिए भारत एक भरोसेमंद साझेदार रहा है. भारत फलस्तीन के 50 छात्रों को भारत के कई शैक्षणिक संस्थानों में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप दे कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत यूएनआरडब्ल्यूए के विशेष अनुरोध पर उसे दवाइयां भी मुहैया करा रहा है.
मानवीय सहायता की निरंतर सप्लाई
आर.रवीन्द्र ने कहा कि फलस्तीनी प्राधिकरण की तरफ से भी जीवन रक्षक दवाओं का अनुरोध किया गया है, जिस पर हम सक्रियता से विचार कर रहे हैं. UN महासचिव रवीन्द्र ने कहा कि हम फलस्तीनियों के लिए मानवीय सहायता की निरंतर सप्लाई की आवश्यकता को दोहराते हैं.
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