FATF Black List: रूस को फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) की ब्लैक लिस्ट में शामिल कराने की यूक्रेन की कोशिश विफल हो गई है. भारत, चीन सऊदी अरब और अफ्रीका समेत कई देशों ने इस प्रस्ताव को खारिज का रूस को ब्लैक लिस्ट में शामिल होने से बचा लिया है. दरअसल, यूक्रेन ने अपने पश्चिमी दोस्तों की मदद से रूस को मनी लॉन्ड्रिंग संबंधी नीतियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध सूची में शामिल करने की कोशिश की थी. लेकिन भारत समेत कई देशों ने रूस का साथ दिया और यूक्रेन के प्रतिबंध लगाने की मांग को खारिज कर दिया.
ब्राजील ने भी दिया रूस का साथ
पेरिस में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराध निगरानी संस्था FATF में इस सप्ताह हुई चर्चाओं की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि ब्राजील भी उन देशों में शामिल था जिसने प्रस्ताव को खारिज कर दिया. एक सूत्र के अनुसार, रूस को बाहर करने के यूक्रेन के प्रस्ताव को और सबूत जुटाने के लिए टाल दिया गया है. बता दें कि एफएटीएफ के सदस्य देशों में फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका सहित दुनिया कई अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं.
रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर पश्चिम देशों में शांति
रूस पर यूक्रेन के प्रतिबंध वाले प्रस्ताव के फेल होने पर पश्चिमी देशों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. वहीं, एफएटीएफ ने कहा कि शुक्रवार को अपनी पूर्ण चर्चा समाप्त होने के बाद उसे अपने ग्रे और ब्लैक लिस्ट वाले देशों को अपडेट करना था. पिछले साल FATF ने रूस की सदस्यता को सस्पेंड कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि यूक्रेन में मास्को का युद्ध संगठन के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है.
यूक्रेन ने रूस पर लगाए ये आरोप
यूक्रेनी सरकार ने तर्क दिया है कि रूस इंटरनेशनल फाइनेंशियल सिस्टम के लिए खतरा है. उसने यह भी कहा है कि रूस के एफएटीएफ में काली सूची हुए देशों ईरान और उत्तर कोरिया के साथ घनिष्ठ संबंध हैं. यूक्रेन के तर्कों में यह भी शामिल है कि रूस पिछले तीन साल से उनकी जमीन पर लगातार युद्ध अपराधों में शामिल रहा है. यूक्रेन के इस प्रस्ताव में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय से जारी हुए गिरफ्तारी वारंट के बारे में भी कहा गया है.
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