India Myanmar Border: भारत और म्यांमार के बीच मुक्त आवाजाही की व्यवस्था (MFR) को खत्म करने के खिलाफ मणिपुर और मिजोरम के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. उत्तर पूर्व के इन दोनों राज्यों में ‘जो री-यूनिफिकेशन ऑर्गनाइजेशन’ (जोरो) के नेतृत्व में इस फैसले के खिलाफ बुधवार को विरोध प्रदर्शन किए गए.
क्या है MFR व्यवस्था?
बता दें कि केंद्र सरकार ने एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत साल 2018 में MFR को लागू किया था, जिसके तहत बॉर्डर के दोनों ओर 16 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले जातीय समुदायों को वीजा-मुक्त आवाजाही की अनुमति मिलती है. हालांकि, बीते साल फरवरी में भारत सरकार ने इसे खत्म करने का फैसला किया था, इसके साथ ही केंद्र सरकार ने दोनों देशों के बीच 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा पर बाड़ लगाने का फैसला किया है.
कहां-कहां हुए प्रदर्शन?
केंद्र सरकार द्वारा मुक्त आवाजाही को खत्म करने और सीमा पर बाड़ लगाने के फैसले के खिलाफ मिजोरम राज्य के आइजोल, चंफई, सेरचिप, लुंगलेई और कोलासिब में विरोध प्रदर्शन किए गए हैं. वहीं, एक और सीमावर्ती राज्य मणिपुर के भी टेंग्नौपाल जिले में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है.
केंद्र और मिजोरम सरकार की आलोचना
सरकार के इस फैसले के विरोध करने वालों ने भारत-म्यांमार सीमा पर नया प्रोटोकॉल लागू करने वाले मिजोरम सरकार और केंद्र के आदेशों की प्रतियों को जलाया है. वहीं, ‘जोरो’ के उपाध्यक्ष रोहमिंगथांगा कावलनी ने मिजोरम के आइजॉल में प्रदर्शन के दौरान MFR को खत्म करने के फैसले को लेकर केंद्र की आलोचना करते हुए नए नियमों को लागू करने के लिए मिजोरम सरकार के कदमों पर भी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है.
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