India-Nepal Tension: हाल ही में नेपाल अपने सौ रुपये के नए नोट पर भारत के कुछ इलाकों का नक्शा छपवाने का ऐलान किया था. इसको लेकर विवाद भी हुआ. एक बार फिर नेपाल ने वही हरकत की है. अब नेपाली पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड ने भारत के कई क्षेत्रों को अपना बताया है. नेपाल की सभा में जब सांसदों ने सवाल किया तो उसके जवाब में पीएम प्रचंड ने यह टिप्पणी की.
प्रचंड ने इन क्षेत्रों को बताया अपना
पीएम प्रचंड ने लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपु पास सहित महाकाली नदी के पूर्व के सभी क्षेत्र को नेपाल का बताया है. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में नेपाल की सरकार बिल्कुल स्पष्ट है. प्रचंड के मुताबिक, इसे लेकर नेपाल का एक राजनीतिक नक्शा भी प्रकाशित किया गया है, जिसमें ये क्षेत्र शामिल हैं. नेपाल के प्रधानमंत्री ने 1816 में नेपाल और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हुई सुगौली संधि का भी जिक्र किया.
प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर सुलझाएंगे सीमा विवाद
नेपाली पीएम ने कहा कि नेपाल ने भारत को एक पत्र भी भेजा है. इसमें भारत-नेपाल सीमा से जुड़े 7वीं बैठक करने की बात लिखी है. उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर सीमा विवाद सुलझाएंगे. उन्होंने कहा, कि इसको लेकर भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री के साथ चर्चा भी की थी. इस दौरान भारत-नेपाल शांति संधि सहित कई और समझौतों को संशोधित करने पर सहमति बनी. उन्होंने पीएम मोदी से सभी मुद्दों का हल निकालने का अनुरोध किया था. इसमें सीमा विवाद से संबंधित मामले भी हैं. पीएम प्रचंड ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने सभी विवाद सुलझाने के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है.
पहले भी उठाया था यही मुद्दा
ऐसा नहीं है कि सीमा विवाद का यह मामला पहली बार उठ रहा हो. नेपाल ने मई 2020 में भी अपना राजनीतिक नक्शा पेश किया था. इसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा क्षेत्रों को नेपाल में दिखाया गया था. उस दौरान भारत ने नेपाल को कड़ी फटकार लगाई थी. वहीं मई में भी एक ऐसी ही खबर आई थी कि नेपाल ने अपने 100 रुपये के नए नोट पर भारत के कुछ इलाकों को दिखाने के लिए नया नक्शा छापने का ऐलान किया है, जिसके बाद काफी विवाद हुआ था.
इसे भारत ने एक तरफा लिया हुआ फैसला करार दिया था. भारत का कहना है कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा उसके क्षेत्र में आता है. बता दें कि नेपाल भारत के 5 राज्यों से लगा है, जिनमें पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं. इन राज्यों के साथ नेपाल की सीमा की लंबाई 1,850 किलोमीटर से भी अधिक है.
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