India Pakistan Tensions: पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच काबुल में भारत और अफगानिस्तान की बैठक हुई है, जिसके बाद पाकिस्तान की टेंशन बढ़ी हुई है. दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद आतंकिस्तान की फैक्ट्री कहे जाने वाला पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हो गया है.
इसी बीच अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय विशेष दूत आनंद प्रकाश ने सोमवार को अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात (आईईए) के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंधों, व्यापार, पारगमन सहयोग और क्षेत्रीय विकास को मजबूत करने पर चर्चा की.
इन मुद्दों को लेकर हुई बात
भारतीय विशेष दूत आनंद प्रकाश की आईईए के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के साथ यह बैठक भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई है. इस दौरान विदेश मंत्री मुत्ताकी ने अफगानिस्तान और भारत के बीच कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों के विस्तार के महत्व को रेखांकित किया. इसके साथ ही दोनों नेताओं के बीच बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और आर्थिक तथा कूटनीतिक दोनों क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया.
वहीं, अफगानिस्तान में निवेश के लिए सकारात्मक माहौल पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने भारतीय निवेशकों को उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अफगानिस्तान अंतरराष्ट्रीय सहयोग और विशेषज्ञता की तलाश कर रहा है.
द्विपक्षीय संबंधों में होगी वृद्धि
अफगानिस्तान की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आर्थिक विषयों के अलावा, विदेश मंत्री मुत्ताकी ने दोनों देशों के बीच लोगों के बीच संपर्क को सुविधाजनक बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने व्यापारियों, चिकित्सा सेवा चाहने वाले रोगियों और शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए वीजा जारी करने की प्रक्रिया को सामान्य बनाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और राष्ट्रों के बीच अधिक विश्वास पैदा होगा.
आनंद प्रकाश ने दोहराएं भारत के इरादें
वहीं, भारतीय विशेष दूत आनंद प्रकाश ने अफगानिस्तान के साथ अपने संबंधों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, इसी बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के बारे में आशा व्यक्त की. उन्होंने अफगानिस्तान को अपनी सहायता जारी रखने के भारत के इरादे को दोहराया. साथ ही बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करने में रुचि व्यक्त की, जिसमें विकास पहलों को फिर से शुरू करना शामिल है, जैसा कि प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है.
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