India-Russia News: भारत और रूस की दोस्ती वर्षों पुरानी है, हालांकि मौजूदा जरूरतों के मद्देनजर अब भारत का अमेरिका के साथ भी रिश्ते काफी मजबूत हुए है. ऐसे में अमेरिका अब भारत के डिफेंस बाजार से रूस को हटाकर खुद उसकी जगह लेना चाहता है, लेकिन इस सब बातों को ध्यान न देते हुए रूस ने भारत को इतना बड़ा ऑफर दिया है कि उसने अपने सबसे बड़े सप्लायर को साइड कर दिया और रूस को 16 हजार करोड़ का ऑर्डर दे डाला है.
दरअसल, रूस ने भारत को पूरे 16 हजार करोड़ का ऑर्डर रूस को दे दिए. लेकिन सवाल सिर्फ सस्ते सौदे का नहीं पक्की दोस्ती का भी है. रूस जब भारत के लिए आधी दुनिया से भिड़ सकता है तो भारत रूस के लिए इतना भी नहीं कर सकता.
भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता रूस
जानकारों का कहना है कि रिफाइनर रियायती कार्गो को प्राथमिकता दे रहे हैं, और यही वजह है कि वित्त वर्ष 2025 में रूस भारत का शीर्ष नेफ्था आपूर्तिकर्ता बन गया है. वहीं, खरीदारों को उम्मीद है कि यह प्रवृत्ति एक और वर्ष तक जारी रहेगी.
दरअसल, रूस पिछले दो वर्षों से भारत का शीर्ष कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता रहा है. ऑयलएक्स और केप्लर के शिप-ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, भारत ने अप्रैल 2024 और मार्च 2025 के बीच लगभग 3 मिलियन टन नेफ्था का आयात किया, जिसमें रूस का 50% से अधिक योगदान था. यह पिछले वर्ष के 14%-16% योगदान से महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है.
ये सौदा आखिर है क्या?
बता दें कि भारत हर साल 15 हजार करोड़ से ज्यादा का नेफ्था इंपोर्ट करता है. नेफ्था एक बहुत अहम पेट्रोकैमिकल प्रोडक्ट है, जिसका इस्तेमाल डिफेंस इंडस्ट्री, पावरप्लांट, टेक्सटाइल और प्लास्टिक में किया जाता है. दरअसल, भारत पहले संयुक्त अरब अमीरात से 40 %, सऊदी अरब से 30 %, इराक से 10 %, रूस से 10-15 % नेफ्था खरीदता था, लेकिन अब रूस भारत का सबसे बड़ा सप्लायर बन गया है.
भारत ने पलटा पासा
ऐसे में सवाल ये है कि भारत ने अरब देशों को छोड़कर रूस के साथ ये डील क्यों कर ली है. असल में रूस ने भारत को 14-15 प्रति डॉलर का भारी डिस्काउंट दिया. जिससे इंडियन रिफाइनरी अपने ऑर्डर कैंसल कर रूस की ओर भागी. वहीं, यूएई और सऊदी अरब कोई डिस्काउंट देने को तैयार नहीं थें. उन्हें लगता था कि भारत के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है. लेकिन भारत ने पूरा पासा ही पलट दिया.
यूक्रेन युद्ध के कारण रूस पर अमेरिका और यूरोपीय देशों की ओर से कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं. ऐसे में भारत ने रूस को सपोर्ट करते हुए नेफ्था क्रूड ऑयल और दूसरे एनर्जी प्रोडक्ट का नया बाजार दे दिया, जिससे अरब देशों की चिंताएं बढ़ी हुई है.
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