India Sale Russian Oil: दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र वाला भारत और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका के बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. दरअसल, यूरोपीय थिंक टैंक सेंटर फॉर रिसर्चएनर्जी एंड क्लीन एयर य़ानी सीआरईए की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत से रूस से कच्चे तेल को खरीदा और अपनी रिफॉयनरी में प्रोसेस कर उसी तेल को अमेरिका को बेच दिया.
बता दें कि अमेरिका, रूस पर प्रतिबंध लगाकर उसकी अर्थव्यवस्था को कमजोर करना चाहता था, लेकिन अब वो भारत के जरिए रूसी तेल खरीदने को मजबूर हो गया. वहीं, भारत सरकार का सीधा मकसद सस्ता तेल खरीदो, उसे रिफाइन करो और ऊंचे दामों पर बेचो. ऐसे में जब अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने रूप पर प्रतिबंध लगाया तो कई बार भारत ने इसका फायदा उठाया है.
भारत ने अमेरिका को बेचा करोड़ो का रूसी तेल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने रूस से भारी मात्रा में सस्ता कच्चा तेल खरीदा और उसे पेट्रोल और डीजल में बदलकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचना शुरू कर दिया. हाल ही में सामने आई सीआरईए की रिपोर्ट की मानें, तो भारत ने जनवरी 2024 से जनवरी 2025 तक अमेरिका ने भारत और तुर्की की रिफाइनरियों से लगभग 25 हजार करोड़ का ईंधन खरीदा. इसमें से करीब 11 हजार 600 करोड़ का ईंधन सिर्फ रूसी कच्चे तेल को रिफाइन करके तैयार किया गया था.
रूस से बड़ी मात्रा में तेल आयात कर रहा भारत
आपको बता दें कि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के तुरंत बाद से ही भारत ने रूस से बड़ी मात्रा में तेल आयात करना शुरू कर दिया. जिसका कारण ये है कि पश्चिमी प्रतिबंधों और कुछ यूरोपीय देशों द्वारा खरीद से परहेज करने चलते रूसी तेल अन्य अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क की तुलना में काफी छूट पर उपलब्ध था. इस डील में भारत की सबसे बड़ी रिफाइनिंग कंपनियां शामिल हैं.
इन भारतीय कंपनियों ने किया रूसी तेलों का निर्यात
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्री जिसका कुल निर्यात 8 हजार 500 करोड़ है. वहीं, दूसरी नायरा एनर्जी जिसका कुल निर्यात 1 हजार 850 करोड़ और जिसमें रूसी तेल से बना ईंधन 1 हजार 750 करोड़ है. वहीं, तीसरी कंपनी मंगलुरु रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल लिमिटेड जिसका कुल निर्यात 420 करोड़ रुपए है. रूसी तेल से बना ईंधन 210 करोड़ रुपए है.
इसके अलावा, गुजरात के वाडिनार में रूस की रोसनेफ्ट-समर्थित नायरा एनर्जी की दो करोड़ टन प्रति वर्ष की रिफाइनरी है. सीआरईए के अनुसार, इस रिफाइनरी ने जनवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच अमेरिका को 18.4 करोड़ यूरो का ईंधन निर्यात किया है, जिसमें से 12.4 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल से परिष्कृत होने का अनुमान है.
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