बांग्लादेश में बहुत दिनों से अशांति का माहौल बना हुआ है. इस बीच, बुधवार बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के ढाका स्थित घर ढहा दिया गया, भारत ने जिसकी कड़ी निंदा की है. विदेश मंत्रालय ने इस घटना को अफसोसजनक बताते हुए कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है कि शेख़ मुजीबुर रहमान का ऐतिहासिक निवास, जो बांगलादेश के लोगों द्वारा संघर्ष और उत्पीड़न के खिलाफ की गई वीरतापूर्ण प्रतिरोध की पहचान था, 5 फरवरी को नष्ट कर दिया गया. यह निवास बांगलादेश की स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में था और बांग्ला पहचान और गर्व को पोषित करने में अहम भूमिका निभाता है.
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, इस घटना से बांगलादेश के राष्ट्रीय चेतना पर एक गहरा आघात पहुंचा है और यह उन सभी लोगों के लिए एक बड़ा झटका है, जो बांगलादेश की स्वतंत्रता संग्राम की कीमत को समझते हैं और उसे संजोने की महत्वता को जानते हैं. इस विध्वंस की कड़ी निंदा करते हुए विदेश मंत्रालय ने इसे एक प्रकार की अपमानजनक कृत्य बताया. विदेश मंत्रालय ने बताया कि बर्बरता के इस कृत्य की कड़ी निंदा की जानी चाहिए.
अपना बदला लेता है इतिहास- शेख हसीना
वहीं, बांग्लादेश ने गुरुवार को भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा, अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा की गई ‘‘झूठी और मनगढ़ंत टिप्पणियां’’ ढाका के प्रति ‘‘शत्रुतापूर्ण कृत्य’’ हैं. यह बयान हसीना के एक दिन पहले दिए गए सोशल मीडिया भाषण के बाद आया है, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश के मौजूदा शासन के खिलाफ संगठित प्रतिरोध का आह्वान किया था. पिछले साल अगस्त से हसीना भारत में रह रही हैं, ने बुधवार रात को सोशल मीडिया के माध्यम से अपने समर्थकों को संबोधित किया था. हसीना ने कहा, ‘‘वे इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं और इतिहास अपना बदला लेता है.’