India-US: भारतीय नौसेना की ताकत पर अमेरिका भी फिदा, साथ मिलकर समुद्री सुरक्षा का करेंगे विस्तार

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

India-US Defence Deal:  भारतीय नौसेना ने समुद्र में कई देशों की जहाज पर हमलों के दौरान जिस तरह से समुद्री लुटेरों और यमन की हूतियों जैसे चरमपंथियों को पस्‍त किया है, उस पर अमेरिका फिदा हो गया है. लिहाजा अब अमेरिका भारतीय नौसेना के साथ मिलकर समुद्री सुरक्षा का विस्‍तार करने का ऐलान किया है. अमेरिका भारत को एंटी सबमरीन सोनो बॉय हथियार भी देने वाला है, जिससे भारत की समुद्री ताकत में इजाफा होने वाला है. इससे भारत के दुश्मन देश बौखलाए हुए हैं.

अमेरिकी दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

अमेरिकी दौरे पर गए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को मैरीलैंड में एक शीर्ष अमेरिकी नौसैन्य युद्ध सामग्री केंद्र का निरीक्षण किया. इसके बाद उन्‍होंनें कहा कि भारत और अमेरिका मिलकर काम करने और एक-दूसरे के अनुभवों से लाभ उठाने के इच्छुक हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कार्डेरॉक में नौसैन्य सतह युद्ध सामग्री केंद्र का दौरा किया और इस केंद्र में किए जा रहे अहम प्रयोगों को देखा. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका मिलकर काम करने तथा एक-दूसरे के अनुभवों से लाभ उठाने के इच्छुक हैं.  मालूम हो कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिका और भारत के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती देने के लिए अमेरिका की चार दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं.

अमेरिकी एनएसए और रक्षा मंत्री ऑस्टिन के साथ हुई वार्ता

अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात की. लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि हम एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का दृष्टिकोण साझा करते हैं और भारत के साथ हमारा रक्षा सहयोग लगातार मजबूत होता जा रहा है. हम अपने रक्षा औद्योगिक रिश्‍तों का विस्तार कर रहे हैं और क्षमताओं का सह-उत्पादन करने तथा सप्‍लाई चैन को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं. उन्होंने ‘रिम ऑफ द पेसिफिक’ में भारत की हिस्‍सेदारी पर प्रकाश डाला, जो हवाई में अमेरिकी नौसेना के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर किया गया अभ्यास था जिसमें 29 साझेदार देश शामिल हुए.

संकट में देवदूत बनी भारतीय नौसेना

अमेरिक के रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने कहा कि भारतीय नौसेना ने संकट में नौसैनिकों की मदद की है और वैश्विक व्यापार की रक्षा की है. इसलिए हम नौसैन्य सहयोग मजबूत करने और मानवरहित प्रौद्योगिकी के साथ मिलकर और अधिक काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि बढ़ते सहयोग में मानव प्रयास के सभी क्षेत्र शामिल हैं. दोनों रक्षामंत्री की बैठक से एक दिन पहले दोनों देशों ने राष्ट्रीय सुरक्षा की आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था आपूर्ति (एसओएसए) समझौता किया.

रक्षा क्षेत्र में साथ आने को सहमत दोनों देश

समझौते के तहत दोनों देश राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए पारस्परिक प्राथमिकता आधारित समर्थन देने पर सहमत हो गए हैं. अमेरिका के रक्षा विभाग के प्रधान उप सहायक सचिव वी.रामदास ने कहा कि ये समझौते अमेरिका और भारत के बीच प्रमुख रक्षा संबंधों में एक अहम कड़ी को दिखाते हैं और यह अमेरिका-भारत रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (डीटीटीआई) को मजबूत करने में एक खास कारक होगा. बता दें कि अमेरिका के विदेश मंत्री ने भारत को एंटी सबमरीन वारफेयर सोनोबॉयज और संबंधित उपकरण की संभावित विदेशी सैन्‍य बिक्री को मंजूरी दे दी है. हथियार की अनुमानित लागत 5.28 करोड़ डॉलर है.

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