India US Defence Deal: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का जल्द ही कार्यकाल खत्म होने वाला है. इसके पहले ही उन्होंने एक अहम फैसला लिया है. सोमवार को बाइडन प्रशासन ने अमेरिकी संसद (कांग्रेस) को बताया किया कि उसने ‘एमएच-60आर मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर इक्यूपमेंट’ और संबंधित उपकरणों की बिक्री को मंजूरी देने का निर्णय लिया है, जो की भारत के लिए काफी अहम माना जा रहा है. वहीं, इस उपकरणों की अनुमानित लागत 1.17 अरब अमेरीकी डॉलर बताई जा रही है.
भारत को क्या होगा फायदा?
रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने एक अधिसूवना के जरिए ‘कांग्रेस’ को बताया कि उपकरणों की बिक्री की प्रस्तावित योजना, भारत की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को उन्नत कर वर्तमान और भविष्य के खतरों को रोकने की क्षमता में सुधार करेगी. एजेंसी की अधिसूचना के मुताबिक, भारत ने 30 ‘मल्टीफंक्शनल इन्फॉर्मेशन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम-जॉइंट टेक्टिकल रेडियो सिस्टम्स’ (एमआईडीएस-जेटीआरएस) खरीदने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें मुख्य रूप से अनुबंध ‘लॉकहीड मार्टिन रोटरी और मिशन सिस्टम’ के साथ होगा.
भारत को अमेरिका से मिलेगी मदद
अमेरिका के इस सौदे के तहत भारत को 30 मल्टीफंक्शन इंफोर्मेशन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम ज्वाइंट टैक्टिकल रेडियो सिस्टम भी मिलेंगे. जिसमें उन्नत डेटा ट्रांसफर सिस्टम, बाहरी इंधन टैंक, फॉरवर्ड लुकिंग इंफ्रारेड सिस्टम, ऑपरेटर मशीन इंटरफेस, अतिरिक्त कंटेनर आदि भी मिलेंगे. इतना ही नहीं, डिजाइन, निर्माण और परीक्षण में भी अमेरिका की ओर से मदद दी जाएगी.
भारत को मिली बड़ी राहत
बता दें कि बाइडन प्रशासन के इस फैसले से भारत को राहत मिली है, क्योंकि यदि वो इस डील को मंजूरी नहीं देते तो नई सरकार के गठन के बाद इसकी मंजूरी मिलने में और भी ज्यादा समय लग सकता था. दरअसल, अमेरिका में 5 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप में भारी बहुमत से जीत हासिल की है, जिसके बाद वो 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे.
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