India US Relations: अमेरिका और भारत के संबंधों को लेकर अमेरिका के शीर्ष राजनयिक ने टिप्पणी की है. शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि भारत-यूएस के मजबूत होते संबंधों को लेकर चीन और रूस चिंतित हैं, क्योंकि ये रिश्ते समाज में विविध आवाजों को महत्व देते हैं. साथ ही शांति, समावेशिता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देते हैं.
चीन और रूस इस पार्टनरशिप को लेकर चिंतित
प्रबंधन और संसाधन के उप विदेश मंत्री रिचर्ड वर्मा ने प्रतिष्ठित हडसन इंस्टीट्यूट में भारत और अमेरिका के रिश्तों पर टिप्पणियां करने के बाद एक सवाल पर कहा कि आपको क्या लगता है कि चीन और रूस इस पार्टनरशिप को लेकर इतने चिंतित क्यों हैं? क्योंकि हम दुनिया के बाकी हिस्सों में जीवन का ऐसा रूप पेश करते हैं, जो समावेशिता, शांति, कानून के शासन, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के बारे में है और यह समाज में हर एक की आवाज सुनने के बारे में है.’’
…तो दुनिया एक सुरक्षित स्थान होती‘
उप विदेश मंत्री रिचर्ड वर्मा ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते अमेरिका के कुछ विरोधियों के तौर-तरीकों से बेहद अलग हैं. उन्होंने कहा कि इसी विशिष्टता के वजह से राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दोनों देशों के बीच के संबंधों को इस सदी का निर्णायक संबंध बताया है. रिचर्ड वर्मा ने कहा कि तकरीबन 20 वर्ष पहले जब वह सीनेट में तत्कालीन सीनेटर बाइडेन और स्टाफ निदेशक टोनी ब्लिंकन के साथ खड़े थे, तो बाइडेन ने टिप्पणी की थी कि अगर 2020 तक भारत और अमेरिका सबसे करीबी दोस्त और भागीदार होते, तो दुनिया एक सुरक्षित स्थान होती. वर्मा ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि यह समान विचारधारा वाले देशों के बारे में है. वहीं ‘क्वाड’ पर एक सवाल के जवाब में रिचर्ड वर्मा ने कहा कि इसका मकसद सुरक्षा, शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देना है.
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