India Bhutan Relations: भारतीय विदेश सचिव विक्रन मिस्री अपनी पहली विदेश यात्रा पर भूटान पहुंचे हैं. यहां पर उन्होंने भूटान के विदेश सचिव ओम पेमा चोडेन से मुलाकात की और भारत-भूटान विकास साझेदारी के कई क्षेत्रों में कार्यान्वयन के तौर-तरीकों और सहयोग पर समीक्षा की. इस चर्चा के बाद भारत और भूटान के बीच के संबंध में एक नई मिठास की संभावना जताई जा रही है.
वहीं, खबर यह भी सामने आई है कि भारत अब भूटान की आर्थिक मदद करने का विचार कर रहा है. इसके लिए भूटान में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बैठक में सहमती जताई है.
संयुक्त प्रेस रिलीज में मिली जानकारी
बता दें कि भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री की भूटान यात्रा के बाद नई दिल्ली और थिम्पू द्वारा एक संयुक प्रेस रिलीज जारी की गई है. इस विज्ञपप्ति में कहा गया है कि भारतीय पक्ष ने प्रस्तावों के कार्यान्वयन की प्रगति के अधीन, पहले डेढ़ साल में ईएसपी की पूरी राशि 15 बिलियन नु यानी 1,500 करोड़ रुपये प्रदान करने पर सकारात्मक रूप से विचार करने पर सहमति व्यक्त की. इसके साथ ही द्विपक्षीय सहयोग में विकास साझेदारी, ऊर्जा, व्यापार और निवेश, संपर्क और व्यापार बुनियादी ढांचा, प्रौद्योगिकी, लोगों के बीच आपसी संबंध, साथ ही आपसी महत्व के अन्य क्षेत्रीय मुद्दे शामिल हैं.
विक्रम मिस्री का भूटान दौरा
गौरतलब है कि पदभार संभालने के बाद भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री अपनी पहली विदेश यात्रा पर भूटान गए. बता दें कि भारतीय विदेश सचिव अपने समकक्ष ओम पेमा चोडेन के निमंत्रण पर दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भूटान गए हैं. यहां पर उन्होंने भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने शुक्रवार को भूटान के पीएम दाशो शेरिंग तोबगे और विदेश मामलों एवं विदेश व्यापार मंत्री डी एन धुंग्याल से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद मिस्री और चोडेन ने 13वीं पंचवर्षीय योजना के तीसरे भारत-भूटान विकास सहयोग वार्ता की सह-अध्यक्षता की – जिसे आमतौर पर ‘योजना वार्ता’ कहा जाता है.
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
दोनों देशों के बीच भूटान नरेश के विजन और सरकार तथा भूटान के लोगों की प्राथमिकताओं के अनुरूप क्षमता निर्माण, औद्योगिक पार्क, खेल, युवा आदान-प्रदान, डिजिटल अर्थव्यवस्था, ई-मोबिलिटी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित परियोजनाओं को भी मंजूरी दी.
इसी के साथ इस साल मार्च में पीएम नरेंद्र मोदी ने भूटान की राजकीय यात्रा पर गए थे. इस दौरान उन्होंने भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के लिए भारत सरकार की ओर से 100 बिलियन नु यानी 10,000 करोड़ रुपये के विकास सहयोग की घोषणा की थी.
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