Pakistan Ssg Commando: जम्मू-कश्मीर में हाल ही में कई आतंकी हमले हुए हैं. इन आतंकी हमलों ने काफी चिंताएं बढ़ा दी है. इस हमले के पीछे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का हाथ है, जिसकी अब पोल खुल रही है. दरअसल, इसको लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वेद ने दावा किया है कि पाकिस्तानी सेना के 600 से कमांडो भारत में दाखिल हुए हैं. इनके इस दावे ने एक बार फिर भारतीय सुरक्षाकर्मियों को अलर्ट कर दिया है.
आंतकी हमलों को अंजाम दे रहे कमांडो
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वेद ने दावा किया है कि पाकिस्तानी सेना के 600 स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो सीमा पार कर भारत में घुस चुके हैं. जो आतंकी हमलों को अंजाम दे रहे हैं. स्पेशल सर्विस ग्रुप का दावा है कि उसके पास यमन, भारत और अफगानिस्तान का भी अनुभव है. 2010 में ही 300 कमांडों ने हूती विद्रोहियों से निपटने में सऊदी अरब और यमन की मदद की थी. 2009 में तालिबान से 39 लोगों को बचाया था.
जानिए पाकिस्तानी कमाडों की खासियत
अब सवाल यह है कि आखिर ये स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो कैसे होते हैं, इनकी क्या खासियत है. तो हम आपको बता दें कि इन कमांडो की तुलना भारत के पैरा-एसएफ से की जाती है. इनकी ट्रेनिंग काफी टफ होती है. इसमें 12 घंटे में 56 किमी दौड़ कर सफर तय करना होता है. स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमाडों को पाकिस्तान में ऊंचाई पर लड़ाई, पहाड़ों पर लड़ाई, स्नाइपर आदि की ट्रेनिंग दी जाती है. इन्हें ट्रेनिंग के दौरान सैन्य नेविगेशन, विस्फोटकों को डिफ्यूज करना भी सिखाया जाता है. इन कमांडो को पैराशूट से कूदने, तैरने, गोताखोरी की भी ट्रेनिंग दी जाती है. इसलिए ये काफी खतरनाक माने जाते हैं.
जानिए भारतीय कमाडों की खासियत
वहीं, इनकी तुलना भारत में पैरा-एसएफ कमांडो से की जाती है. भारत में पैरा-एसएफ कमांडो की ट्रेनिंग 3.5 साल की होती है, जो किसी भी देश के मुकाबले सबसे लंबा है. भारत के पैरा-एसएफ कमांडो को सबसे मुश्किल ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है. कमांडो को 25 किग्रा के वजन के साथ 70 किलोमीटर तक दौड़ना भी होता है. वहीं, इनके शारीरिक और मानसिक फिटनेस पर ज्यादा जोर दिया जाता है. ट्रेनिंग में जूडो और कराटे भी सिखाए जाते हैं.