Bangladesh News: भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने मंगलवार, 02 जुलाई को बांग्लादेश की आधिकारिक यात्रा पर थें. इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना (Sheikh Hasina) से शिष्टाचार मुलाकात की, जिसमें उन्होंने 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में भारत के योगदान को याद किया और उसकी सराहना की. भारतीय नौसेना प्रमुख की इस यात्रा का उद्देश्य भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करना और नौसेना सहयोग के नए रास्ते तलाशना है.
बता दें कि दो माह पहले भारतीय नौसेना की कमान संभालने के बाद एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की यह पहली आधिकारिक विदेश यात्रा थी. नौसेना प्रवक्ता के मुताबिक, एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने यात्रा के दौरान बांग्लादेशी पीएम को भारत और बांग्लादेश की नौसेनाओं के बीच चल रहे द्विपक्षीय समुद्री जुड़ाव की प्रगति से अवगत कराया.
“हम भारतीय लोगों की सहायता और योगदान को हमेशा रखते हैं याद”
वहीं मुलाकात के दौरान बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना ने कहा, भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों को दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए द्विपक्षीय संबंधों के मॉडल के रूप में देखा जा सकता है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में उनके हवाले से कहा गया, “बांग्लादेश और भारत ने बातचीत के माध्यम से कई समस्याओं का समाधान किया है. यह संबंध कई अन्य पड़ोसी देशों के लिए एक मॉडल और उदाहरण हो सकता है. “पीएम शेख हसीना ने आगे कहा, दोनों पड़ोसियों ने भूमि सीमाओं और समुद्री सीमाओं के लंबित मुद्दों को सुलझा लिया है, जो द्विपक्षीय संबंधों का उदाहरण स्थापित करने वाले अन्य मुद्दों में से हैं. पीएम ने कहा कि “हम अपने मुक्ति संग्राम के दौरान भारतीय लोगों की सहायता और योगदान को हमेशा याद रखते हैं.”
Adm Dinesh K Tripathi #CNS, on an official visit to #Bangladesh, called on HE Sheikh Hasina, Hon’ble Prime Minister of Bangladesh on #02Jul 24.
During discussions, the PM of Bangladesh recalled & appreciated #India's contribution to Bangladesh’s War of Liberation in 1971. #CNS… pic.twitter.com/sq6SiCsAfX
— SpokespersonNavy (@indiannavy) July 3, 2024
दोनों देशों की नौसेनाओं ने एक अनूठा पेशेवर संबंध किया विकसित: के त्रिपाठी
वहीं भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा, दोनों देशों की नौसेनाओं ने एक अनूठा पेशेवर संबंध विकसित किया है, जहां “अगर बांग्लादेश की नौसेना कोई सहयोग चाहती है, तो भारतीय नौसेना के पास ‘नहीं’ कहने का कोई विकल्प नहीं है.” उन्होंने कहा, उन्हें बांग्लादेश में घर जैसा महसूस होता है. क्योंकि, प्रकृति के मामले में दोनों देशों के बीच बहुत कम अंतर हैं. के त्रिपाठी ने आगे कहा, कई बांग्लादेशी नौसेना अधिकारी भारत में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं और उन्होंने अपने समकक्ष से कहा कि अगर बांग्लादेश चाहे तो और अधिकारी भेज सकता है.
एडमिरल के त्रिपाठी ने की बांग्लादेश के विकास की प्रशंसा
एडमिरल के त्रिपाठी ने बांग्लादेश सैन्य संग्रहालय का दौरा किया और इसे विश्व स्तरीय सैन्य इतिहास गैलरी बताया और इसे “शिक्षाप्रद ” कहा. उनहोंने कहा कि वे भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा दोहराए जाने वाले कुछ विचारों को अपने साथ लेकर जाएंगे. एडमिरल के त्रिपाठी ने देश के संस्थापक पिता शेख मुजीबुर रहमान के घर, बंगबंधु संग्रहालय की अपनी यात्रा का भी उल्लेख किया और उनके बलिदान का प्रतिबिंब देखकर अभिभूत हो गए. उन्होंने शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश के विकास की भी प्रशंसा की.