Indian Navy: भारतीय नौसेना ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है. नौसेना ने बुधवार को के-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. बता दें कि इस मिसाइल का परिक्षण नौसेना में हाल ही में शामिल हुई परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघात से किया गया, जिसका संचालन स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड द्वारा किया जाता है. दरअसल, किसी पनडुब्बी से के-4 बैलिस्टिक मिसाइल का यह पहला सफल परीक्षण है.
नौसेना की बढ़ेगी ताकत
सूत्रों के मुताबिक, के-4 बैलिस्टिक मिसाइल से भारतीय नौसेना की ताकतों में जबरदस्त इजाफा होगा. इसकी मारक क्षमता 3500 किलोमीटर है. इतना ही नहीं, आईएनएस अरिघात को एक बार में 12 के-15, चार के-4 और 30 टॉरपीडो से लैस किया जा सकता है. वहीं, इसके परीक्षण को लेकर अधिकारी सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व को विस्तृत जानकारी देंगे.
चीन का पूरा इलाका भारत के परमाणु हथियारों की जद में आया
के-4 बैलिस्टिक मिसाइल का यह परीक्षण भारत की परमाणु क्षमता के लिहाज से बेहद अहम है. इसके जरिए भारत समुद्र से भी लंबी दूरी पर परमाणु हमला करने में सक्षम हो गया है. इतना ही नहीं, इससे चीन के जयादातर इलाके भी भारत के परमाणु हथियारों की जद में आ गया है. हालांकि भारत का पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत, के-15 मिसाइलों से लैस है, लेकिन इनकी रेंज महज 750 किलोमीटर ही है.
जल्द ही एशिया का दूसरा देश बनेगा भारत
कहा जा रहा है कि अगले साल तक भारतीय नौसेना में एक और परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिदमन को भी शामिल कर लिया जाएगा. इसे के-4 और के-5 बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस किया जाएगा. बता दें कि के-5 बैलिस्टिक मिसाइल की मारक क्षमता और भी ज्यादा यानी 5000 किलोमीटर तक है. ऐसे में पनडुब्बी से परमाणु हथियारों से हमला करने में भारत एशिया का दूसरा देश बन जाएगा, जबकि पहले नंबर पर चीन ने अपना दबदबा कायम किया हुआ है.
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