Indian Navy; INS Kiltan: भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस किल्टन (INS Kiltan) ब्रुनेई के मुआरा में पहुंचा, जहां रॉयल ब्रुनेई नौसेना ने उसका जोरदार स्वागत किया. आईएनएस किल्टन की ये यात्रा दक्षिण चीन सागर में इंडियन नेवी के पूर्वी बेड़े की परिचालन तैनाती का हिस्सा है. भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह यात्रा दोनों समुद्री देशों के बीच मित्रता और सहयोग को मजबूती देगी.
समुद्री साझेदारी अभ्यास पर समाप्त होगी यात्रा
भारतीय नौसेना के जहाज किल्टान की यात्रा खेल आयोजनों, सामाजिक आदान-प्रदान, सामुदायिक आउटरीच और प्रोफेशनल बातचीत पर केंद्रित है, जोकि दोनों देशों और नौसेनाओं के साझा मूल्यों को दिखाती है. यह यात्रा भारतीय नौसेना और रॉयल ब्रुनेई नौसेना के बीच समुद्र में एक समुद्री साझेदारी अभ्यास पर समाप्त होगी. दोनों नौसेनाओं के सामरिक विकास से अंतर-संचालन और सवोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को प्रोत्साहन मिलेगा.
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस किल्टन चार P28 एंटी-सबमरीन वारफेयर (ASW) कार्वेट में से तीसरा है, जिसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और बनाया गया है.
मनीला पहुंचे थे नौसेना के जहाज
इससे पहले 20 मई को आईएनएस दिल्ली, आईएनएस शक्ति और आईएनएस किल्टान दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही मित्रता और समुद्री सहयोग को मजबूत करने के लिए फिलीपींस के मनीला पहुंचे. इसके अलावा, यह यात्रा दक्षिण चीन सागर में इंडियन नेवी के पूर्वी बेड़े की परिचालन तैनाती का हिस्सा रही.
स्कारबोरो शोल को लेकर चीन और फिलीपींस में तनाव
बता दें कि स्कारबोरो शोल को लेकर चीन और फिलीपींस में तनाव की स्थिति है, क्योंकि मनीला ने विवादित क्षेत्रों में अधिक आक्रामक रुख अपनाया. फिलीपींस के तट से लगभग 220 किलोमीटर दूर और इसके अनन्य आर्थिक क्षेत्र के भीतर, यह शोल एक पारंपरिक मछली पकड़ने का समुद्री मैदान है. इस समु्द्री मैदान का उपयोग कई देश करते हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है और फिलीपींस सहित अन्य देशों के दावों को खारिज कर दिया. यहां तक कि इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले पर चीन ने कहा कि फैसले का कोई कानूनी आधार नहीं है.
भारत फिलीपींस के बीच मधुर संबंध
बता दें कि ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी समुद्र के कुछ हिस्सों पर अपना अधिकार दिखाते हैं. स्वतंत्रता के कुछ समय पश्चात भारत और फिलीपींस ने नवंबर 1949 में औपचारिक रूप से राजनयिक संबंध स्थापित किए. दोनों देशों के बीच संबंध मधुर और शांत रहे. अब तो फिलीपींस भारत से कई तरह के हथियार की खरीदारी करता है. भारतीय नौसेना और तटरक्षक जहाज हमेशा फिलीपींस का दौरा करते रहते हैं.
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