United Nations: भारतीय शांतिरक्षक नायक धनंजय कुमार सिंह को अपने कर्तव्य का निर्वाहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान के लिए मरणोपरांत प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया गया. गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र के तहत अपनी सेवाएं प्रदान करते समय जान गंवाने वाले भारतीय शांतिरक्षक धनंजय कुमार सिंह समेत 60 से अधिक सैन्य, पुलिस और नागरिक शांतिरक्षकों को भी संयुक्त राष्ट्र पदक दिया गया. इसी अवसर पर भारतीय शांतिरक्षक मेजर राधिका सेन को ‘2023 यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया.
रुचिरा कंबोज को मिला सिंह का पदक
यूनाइटेड नेशन्स ऑर्गेनाइजेशन स्टैबिलाइजेशन मिशन इन द डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (MONUSCO) के तहत काम करने वाले नायक धनंजय कुमार सिंह को मरणोपरांत 30 मई को एक समारोह में ‘डैग हैमरस्कजॉल्ड’ पदक से सम्मानित किया गया. यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस की ओर से संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने यह पदक प्राप्त किया. बता दें कि इस दिन संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय शांतिरक्षक दिवस मनाया जाता है.
Today, the Secretary General awarded the Dag Hammarskjöld Medal to honor Naik Dhananjay Kumar Singh, who made the ultimate sacrifice in the line of duty. His professionalism and dedication will never be forgotten. We stand in solidarity with his family and honour his legacy of… pic.twitter.com/6W8ONyvR69
— Ruchira Kamboj (@ruchirakamboj) May 30, 2024
मेजर राधिका सेन को मिला ये अवार्ड
भारतीय शांतिरक्षक मेजर राधिका सेन को ‘2023 यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवॉर्ड’ दिया गया. बता दें कि मेजर सुमन गवानी के बाद मेजर राधिका सेन इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने वाली दूसरी भारतीय शांति रक्षक हैं. मेजर गवानी ने दक्षिणी सूडान में यूएन के मिशन में सेवा दी थी और उन्हें 2019 में इस पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया था.
180 शांतिरक्षक दे चुके हैं बलिदान
अभी यूएन के लिए काम करने वाली महिला सैन्य शांतिरक्षकों में भारत का 11वां सबसे बड़ा योगदान है. संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में वर्दीधारी कार्मिकों का भारत दूसरा सबसे बड़ा योगदान करने वाला है. मौजूदा समय में भारत के 6000 से अधिक सैन्य एवं पुलिस कर्मी अबेई, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, साइप्रस, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, लेबनान, पश्चिम एशिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान और पश्चिमी सहारा में संयुक्त राष्ट्र अभियानों के तहत अपनी सेवाएं दे रहे हैं. करीब 180 भारतीय शांतिरक्षकों ने अपने कर्तव्य को निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है. यह बलिदान सैन्य योगदान देने वाले किसी भी देश की सबसे अधिक संख्या है.
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