Indian Spices: भारतीय मसालों की बढ़ी मुश्किलें, अब इस देश में भी जांच शुरू

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Indian Spices: दुनियाभर में भारतीय मसाले खाए और बेचे जाते हैं. लेकिन पिछले महीने से भारत के मशहूर मसाले विवादों में घिरे हुए है. अभी भारतीय मसालों को लेकर विवाद थमा ही नहीं कि इसमें अब न्‍यूजीलैंड की एंट्री हो गई है. मिली जानकारी के अनुसार, कई देशों में भारतीय मसाले पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद न्यूजीलैंड ने मसालों की जांच शुरू कर दी है.

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को न्यूजीलैंड के फूड सेफ्टी रेगुलेटर ने भारतीय मसाला ब्रांडों के विभिन्न उत्पादों की जांच शुरू करने की जानकारी दी. न्यूजीलैंड फूड सेफ्टी के एक स्टेटमेंट के हवाले से कहा गया है कि रेगुलेटर कई देशों में भारतीय मसाला ब्रांडों के विभिन्न उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के बारे में अवगत है.

न्यूजीलैंड ने शुरू की जांच

फूड सेफ्टी रेगुलेटर का कहना है कि एथिलीन ऑक्साइड इंसानों में कैंसर की बीमारी पैदा करने वाले रसायन हैं. न्यूजीलैंड और कई अन्‍य देशों में फूड स्टरीलाइजेशन में इसका इस्तेमाल बंद हो चुका है. चूकिं भारतीय ब्रांड एवरेस्‍ट और एमडीएच के मसालों की बि‍क्री न्यूजीलैंड के मार्केट में भी हो रही हैं, हम इस मामले की जांच कर रहे हैं.

अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया में भी जांच

एमडीएच और एवरेस्ट मसाला ब्रांडों के विभिन्न उत्पादों में कैंसर के लिए जिम्मेदार खतरनाक रसायन एथिलीन ऑक्साइड पाए जाने की बात सामने आने के बाद विवाद चल रहा है. सबसे पहले हांगकांग ने केमिकल की उपस्थिति का हवाला देकर कई उत्पादों पर रोक लगाने का फैसला किया. फिर सिंगापुर और मालदीव में भी इन ब्रांडो के कई उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी गई. बता दें कि न्यूजीलैंड से पहले अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी फूड सेफ्टी रेगुलेटर ने इन भारतीय मसालों की जांच शुरू कर दी है.

कैंसिल हो सकता है लाइसेंस

जब से एमडीएच और एवरेस्‍ट मसालों को लेकर विवाद खड़ा हुआ है, दोनों कंपनियों को भारतीय सरकार की सख्‍ती का सामना करना पड़ रहा है. घरेलू फूड सेफ्टी रेगुलेटर एफएसएसएआई ने उनके कई मसालों की जांच में जुटी हुई है. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने देशभर में मसालों के 1,500 से ज्यादा सैंपल इकट्ठा किए हैं. अभी सबकी जांच की जा रही है. सरकार क कहना है कि अगर जांच में सैंपल फेल हुए तो संबंधित कंपनियों के उत्पादों के लाइसेंस रद्द किया जा सकता है.

 

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