Oman: खाड़ी देशों को जीरो इनकम टैक्स के वजह से टैक्सपेयर्स का स्वर्ग माना जाता रहा है लेकिन अब वहां पेशेवरों से उनकी कमाई पर टैक्स वसूलने की तैयारियां चल रही हैं और इसकी शुरुआत ओमान ने कर दी है.पहले ओमान में कामगारों और पेशेवरों को कोई इनकम टैक्स नहीं देता होता था लेकिन अब टैक्स भरना होगा.
ओमान के इस कदम से वहां काम कर रहे भारतीय कामगार और पेशेवरों के लिए बड़ा झटका है. अगले साल से इनकम टैक्स वसूलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. बता दें कि इसके साथ ही ओमन ऐसा करने वाला पहला खाड़ी देश बन गया है. बता दें कि हर साल भारत से हजारों लोग खाड़ी देशों में काम के लिए जाते हैं. ऐसे में इस नियम से उनको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
हर साल बढ़ेगा टैक्स
ओमानी सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक, हर साल करीब 84 लाख रुपए कमाने वालों को 5 प्रतिशत से 9 प्रतिशत तक इनकम टैक्स देना होगा. इसके अलावा इस टैक्स को हर साल बढ़ाया जाएगा. इसका असर यहां रहने वाले 6 लाख भारतीयों पर होगा. बता दें कि ओमान में पहले से 5 प्रतिशत वेट और 15 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स लगता है. खाड़ी देशों को अभी जीरो इनकम टैक्स का चलन है.
‘परिवार को भेजना पड़ेगा घर‘
इस खबर पर मस्कट के भारतीय कपड़ा कारोबारी अमानुल्लाह ने कहा कि 9 प्रतिशत का इनकम टैक्स नया बोझ होगा. इनकम टैक्स लगने से खर्च कम करने के लिए कई भारतीय अपने परिवार को भारत भेजने के लिए मजबूर होंगे. इसके साथ ही मस्कट के ही भारतीय कारोबारी जतिन पलानी ने कहा कि इनकम टैक्स की नई व्यवस्था से कंपनी के शेयर होल्डर्स पर भी असर पड़ेगा.
मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना है एक वजह
इसको लेकर दुबई में इंडियन बिजनेस काउंसिल के महासचिव साहित्य चतुर्वेदी ने कहा कि खाड़ी में कुवैत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां किसी तरह का कोई कर नहीं है. लेकिन यूएन बैंकिंग बोर्ड के नए नियमों के मुताबिक, सभी देशों को कम से कम 15 प्रतिशत टैक्स लागू करना पड़ेगा. ऐसे में कुवैत में भी जल्द ही कर प्रणाली लागू हो जाएगा. इसके पीछे की वजह मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना भी है.
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